Mahalaxmi Vrat Katha: जानिए कैसे हुई महालक्ष्मी व्रत की शुरूवात, यहां पढ़ें पौराणिक कथा
10 सितंबर को गजलक्ष्मी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरे विधि विधान से साथ किया जाता हैं वही पंचांग के मुताबिक हर वर्ष यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को शुरू हो जाता हैं और 16 दिनों तक उपवास रखे जाते हैं।
यहां पढ़ें व्रत कथा—
एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था वह नियमित रूप से जगत के पालनहार श्री विष्णु भगवान की पूजा करता था। उसकी पूजा भक्ति से प्रसन्न होकर उसे भगवान विष्णु ने दर्शन दिए और ब्राह्माण से वर मांगने के लिए कहा। तब ब्राह्मण ने माता लक्ष्मी का निवास अपने घर में होने की इच्छा जाहिर की।
यह कहकर श्री विष्णु चले गए। अगले दिन वह सुबह ही मंदिर के सामने बैठ गया। लक्ष्मी जी उपले थापने के लिए आईं तो ब्राह्मण ने उनसे अपने घर आने का निवेदन किया। ब्राह्मण की बात सुनकर लक्ष्मी समझ गईं। कि यह सब भगवान विष्णु के कहने से हुआ हैं।