Mahalakshmi Mantra: महालक्ष्मी व्रत पूजा में इन मंत्रों के जाप से मिलेगा शुभ फल
हिंदू धर्म में व्रत त्योहार को बहुत ही खास माना जाता हैं, वही महालक्ष्मी व्रत पूरे 16 दिनों तक चलता हैं हर साल यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को समाप्त होता हैं।
श्री लक्ष्मी बीज मंत्र—
“ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।”
श्री लक्ष्मी महामंत्र—
“ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।”
महालक्ष्मी व्रत के समापन वाले दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें। फिर व्रत के पहले दिन हाथ पर बांधा हुआ 16 गांठ वाला रक्षा सूत्र खोलकर किसी नदी या फिर तलाब में बहा दें। उसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा करने के लिए महालक्ष्मी की मूर्ति अपने पूजा घर में रखें। मां को कमल के पुष्प, चावल, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल, फल, मिठाई, चन्दन, पत्र, माला, कमलगट्टा आदि अर्पित कर पूजन करें। इसके बाद व्रत कथा जरूर पढ़ें या सुनें।