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सभी को सिद्धी प्रदान करने वाला कुम्भ

 

जयपुर। प्रयागराज में इस समय कुंभ मेला चल रहा है। जिसमें देश विदेश से लाखों श्रद्धालू आएं हुऐ हैं। हिन्दू धर्म में  कुम्भ का बहुत महत्व माना जाता है। तीर्थराज प्रयाग में आस्था की डुबकी लगने के लिए लाखों लोग आते हैं। कुंभ में आस्था, विश्वास, सौहार्द एवं संस्कृतियों का मिलन होता है।

इसके साथ ही कुंभ ज्ञान, चेतना और उसका परस्पर मंथन करने का आयाम है जो आदि काल से ही चला आ रहा है, बस समय के अनुसार इसमें साधनों का बदलाव आया है लेकिन कुंभ की महत्ता अब भी कम नहीं हुई है।

कुंभ सभी मानव जाति के मध्य वसुधैव कुटुम्बकम का भावना का विस्तार करता है। कुंभ में ने वाले अमीर गरीब सभी को एक समान फल मिलता है। संगम में डूबकी लगाने वाले सभी समान होते हैं। कुंभ में गूढ़ ज्ञान का आदान-प्रदान, मूल तत्व और संदेशों का दिया जाता है।

कुंभ मेला व्यक्ति को अमरित्व देने वाला है, कुंभ में देश के कोने कोने से साधु संन्यासी आते है व कुंभ के दौरान वहां पर निवास करते हैं। कुंभ मेले में साधारण रुप से ना दिखने वाले नागा साधुओं को भी आसानी से देखा जा सकता है।

कुंभ ज्ञान के विस्तार का संगम होता है, यहां पर सारे दिन मंत्रों का ध्वनि आसानी से सुनी जा सकती है, चारों ओर आस्था के अलग अलग नजारे देखने को मिलता है। कुंभ के दौरान शहर की रंगत ही बदल जाती है, कुंभ के समय शहर को सजाया जाता है, चारों ओर से शहर भक्तिमय रंग में रंगा नजर आता है।