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भगवान ने किस लिए बनाया था स्त्री को, जानकर हैरान रह जाओगे

 

जयपुर। भगवान से स्त्री की रचना करने से पहले काफी सोच विचार किया होगा उसके बाद ही स्त्री की रचना की, क्योकि एक स्त्री ही एक जीवन में बेटी मां पत्नी बहन कई सारे रुप में होती है। एक साथ कई सारी जिम्मेदारी निभाती है। स्त्री में ऐसे कई गुण है जो केवल एक स्त्री में ही मिलते हैं। स्त्री ही  बड़े से बड़े दुख में मुस्कुराकर परिवार को संभालने का ताकत रखती है।

स्त्री में आत्मविश्वास का गुण है जिसके कारण किसी भी परिस्थिति का हंसते हंसते सामना करती है। स्त्री में ममता का गुण है जिस कारण वह अपने बच्चों की देखभाल अच्छे से करती है अपने परिवार के प्रति प्रेमभाव रखती है।  स्त्री में पतिव्रता का गुण होता है जिसके कारण वह अपने पति को हमेशा खुश रखती है जीवन में किसी भी परिस्थिति में उसका सामना करती है।

स्त्री में नये जीवन को आकार देने की शक्ति होती है अपने अंश से एक नये जीवन को अस्तित्व में लाने की क्षमता होती है। स्त्री शरीर से कोमल होती है लेकिन मन से उतनी ही शक्तिशाली होती है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा हैं जो स्त्री का तिरस्कार करता है उसे सैकड़ों वर्षो तक नर्क की आग में जलना होता है।  किसी लाचार और बेबस स्त्री का भूल कर भी तिरस्कार ना करें।

शास्त्रों में माना जाता है कि जिस घर में स्त्री का सम्मान होता है उस घऱ में देवी लक्ष्मी का वास हमेशा होता है। ऐसा परिवार हमेशा सुखी रहता है। ऐसे घर में कभी किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं आता।