मंत्र जाप में रखें इन बातों का विशेष ध्यान, जानिए जाप के सही नियम और लाभ
हिंदू धर्म की पूजा पाठ में मंत्र जाप का खास महत्व होता हैं वही नवधा भक्ति में मंत्र जाप को पांचवीं प्रकार की भक्ति के रूप में वर्णन किया गया हैं श्रीराम ने माता शबरी के निवेदन पर उन्हें भक्ति का ज्ञान देते हुए यह कहा था कि मंत्रजाप मम दृढ विश्वासा। पंचम भजन सो वेद प्रकाशा। इसका मतलब यह हैं कि मेरी पांचवीं प्रकार की भक्ति है
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक जिस स्थान पर ईष्ट को बैठाया जाता हैं उसे दर्भासन कहा जाता हैं जिस पर साधक बैठते हैं उसे आसन कहते हैं योग विज्ञान में शरीर को भी आसन कहा गया हैं। पौराणिक मान्ताओं के मुताबिक कंबल के आसन पर बैठकर जप तप, पूजा पाठ करना सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं जिसमे लाल रंग का कंबल, आसन लक्ष्मी और हनुमान जी की पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता हैं।