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Kartik maas 2020: कार्तिक माह में जल में निवास करते हैं भगवान विष्णु, सूर्योंदय से पहले स्नान से मिलता है पुण्यफल

 

हिंदू धर्म वैसे तो हर महीने को महत्व दिया जाता हैं मगर कार्तिक मास बहुत ही खास होता हैं शरद पूर्णिमा के बाद से कार्तिक का महीना लग जाता हैं इस महीने में जगत के पालनहार श्री विष्णु जल में निवास करते हैं जल के तीन कर्मकांडों में स्नान महत्वपूर्ण कर्मकांड हैं वही पुलस्त्य ऋषि ने कहा है कि स्नान के बिना न तो शरीर निर्मल होता हैं और न ही बुद्धि। धर्म शास्त्रों में माघ, वैशाख और कार्तिक में रोजाना स्नान का विधान है उसके पीछे का उद्देश्य शरीर की शुद्धता ही मानी जाती हैं पवित्र नदी, समुद्र सरोवर, कुआं और बावड़ी जैसे प्राकृतिक जल स्त्रोतों में किया गया स्नान तो बहुत ही अच्छा माना जाता हैं तो आज हम आपको इस माह से जुड़ी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वही महाभारत में महर्षि वेदव्यास ने प्रथम पूज्य श्री गणेश से लिखवाया है कि कृष्ण, स्नान ध्यान दान आदि कर उसी समय निकलते थे जब सूर्योदय की पहली किरण धरती पर पड़ती थी। मदनपारिजात के मुताबिक कार्तिक मास में जितेद्रिरय रहकर रोजाना स्नान करें। चांद तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पहले ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान करना चाहिए। वही जौ, गेहूं, मूंग, दूध दही और घी आदि का भोजन करना चाहिए इससे सब पाप नष्ट हो जाते हैं स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को श्रेष्ठ माना जाता हैं। इसके साथ ही सभी पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों पर भी स्नान करना अच्छा होता हैं। वही अगर आप इन जगहों पर नहीं जा सकते हैं तो इनका स्मरण करने से भी व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता हैं।