ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की पूजा से मिलेगा पति की लंबी उम्र का वरदान
आपको बता दें, हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं मगर ज्येष्ठ माह के शुल्क पक्ष की पूर्णिमा को पड़ने वाला वट पूर्णिमा का व्रत आज मनाया जा रहा हैं वट पूर्णिमा व्रत महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण के राजयों में विशेष रूप से रखा जाता हैं
वही हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या को विशेष तिथि माना गया हैं इस बार पूर्णिमा सोमवार के दिन पड़ रही हैं। जिसका बहुत ही महत्व होता हैं संयोग यह हैं कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी सोमवार के ही दिन पड़ी थी। वही 15 दिन बाद अब शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा भी सोमवार के दिन पड़ रही हैं यह स्नान ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा। ज्येष्ठ मास की समापन पूर्णिमा को ज्येष्ठा नक्षत्र आना ज्योतिष की दृष्टि से बहुत ही शुभ हैं।
जानिए व्रत की विधि—
आपको बता दें, कि महिलाएं इस दिन उपवास रखती हैं और वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पूजा अर्चना व आराधना भी करती हैं एक बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रखते जिसे कपड़े के दो टुकड़े से ढ़क देती हैं वही दूसरी टोकरी में सावित्री की प्रतिमा रखते हैं फिर वट वृक्ष को जल, अक्षत, कुमकुम से पूजा करती हैं।