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जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा करने से पहले जान लें ये जरूरी नियम

 

जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व रखता हैं यह पर देशभर में मनाया जाता हैं वही भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता हैं इस साल 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही हैं भगवान कृष्ण श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार हैं हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक श्रीकृष्ण ने यह अवतार दुष्टों को धरती से मुक्त करवाने और लोगों में भक्ति भाव जगाने के लिए लिया था। जन्माष्टमी के पर्व को देशभर में श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। पूरे देश में इसे धूमधाम के साथ मनाते हैं जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विधि विधान से पूजा होती हैं। वही कई ऐसे लोग हैं जिन्हें जन्माष्टमी की पूजा से जुड़े निमयों की जानकारी नहीं होती हैं ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान कृष्ण की पूजा से जुड़े कुछ नियम, तो आइए जानते हैं।

ज्योतिष के अनुसार पूजा में भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ गौ माता की मूर्ति होना जरूर हैं भगवान कृष्ण को गायों से अधिक प्रेम था। इसलिए इस दिन गौमाता की पूजा भी विशेष फलदायी मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा सुंदर और साफ आसन पर बैठकर की जानी चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक भगवान कृष्ण की पूजा के दौरान आचमन जरूर करना चाहिए और उन्हें पुष्पों की माला भी पहनानी चाहिए। माना जाता हैं कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। पूजा से पहले भगवान को स्नान जरूर करवाना चाहिए इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और चीनी को एक साथ मिलाकर पंचामृत बनाकर भोग भी लगाया जाता हैं। बिना तुलसी के भगवान को भोग नहीं लगाना चाहिए।