12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही खास होता है ये दिन भगवान कृष्ण की पूजा का दिन माना जाता हैं वही जब जब धरती पर अत्याचार अधिक हो जाता हैं, धर्म का पतन हुआ है तब तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर सत्य और धर्म की स्थापना की हैं भगवान का अवतार मानव के आरोहण के लिए होता हैं जगत की रक्षा, दुष्टों का संहार और धर्म की पुर्नस्थापना ही हर अवतार का उद्देश्य मानी जाती हैं।
वासुदेव देवकी के सामने शंख, चक्र, गदा और पद्मधारी चतुर्भुज भगवान ने अपना रूप प्रकट कर कहा अब मैं बालक रूप धारण करता हूं। तुम मुझे तत्काल गोकुल में नन्द के यहां पहुंचा दो और उनकी अभी अभी जन्मी कन्या को लाकर कंस को सौंप दो। तभी वासुदेव की हथकड़ियां खुल गयी, दरवाजे अपने आप खुल गए व पहरेदार सो गए। वासुदेव श्रीकृष्ण को सूप में रखकर गोकुल को चल दिए। मार्ग में यमुना श्रीकृष्ण भगवान के चरणों को स्पर्श करने के लिए ऊपर बढ़ने लगी।