×

3 मिनट के इस पौराणिक वीडियो में जाने शिव चालीसा से जुड़े वो रहस्य, जिन्हें जानकर आप हर दिन इसका पाठ करना शुरू कर देंगे

 

भारतीय संस्कृति में भगवान शिव को "महादेव" यानी देवों के देव कहा गया है। वे न केवल संहारक हैं, बल्कि पुनर्निर्माण और करुणा के भी प्रतीक हैं। शिव की भक्ति अनेक रूपों में की जाती है – मंत्रों से, स्तोत्रों से, और विशेष रूप से शिव चालीसा के पाठ से। शिव चालीसा मात्र एक भजन या धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा आध्यात्मिक मार्ग है जो जीवन के हर संकट को हरने की शक्ति रखता है। इस लेख में हम जानेंगे शिव चालीसा से जुड़े ऐसे रहस्य, जिनसे आप प्रेरित होकर इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करेंगे।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/C8nI2zlyGvQ?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/C8nI2zlyGvQ/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="सुपरफास्ट शिव चालीसा | Superfast Shiv Chalisa | महाशिवरात्रि | Maha Shivratri | शिव भजन" width="695">
शिव चालीसा क्या है?
"चालीसा" शब्द का अर्थ है – 40 छंदों वाला स्तोत्र। शिव चालीसा में भगवान शिव की महिमा, उनके स्वरूप, उनके लीला-विलास, उनके भूतनाथ स्वरूप, करुणा और क्रोध – सब कुछ का गूढ़ वर्णन है। यह चालीसा तुलसीदास जी द्वारा रचित मानी जाती है, जो श्रीरामचरितमानस के रचयिता भी थे। इसमें भक्त भगवान शिव से कृपा की याचना करता है और उन्हें प्रसन्न करने का आग्रह करता है।

शिव चालीसा के पाठ से जुड़ा पहला रहस्य – कर्मों की शुद्धि
शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य के दोष मिटते हैं। यह पाठ आपके जीवन में जमा नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और मन को शांत करता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ईमानदारी से शिव चालीसा का पाठ करता है, उसके कर्म स्वतः सुधरने लगते हैं।

दूसरा रहस्य – रोगों से राहत
शिव चालीसा में ऐसे कई पद हैं जो तन, मन और आत्मा की शुद्धि करते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जब कोई व्यक्ति नियमपूर्वक मंत्रोच्चारण करता है तो उसका प्रभाव शरीर की कोशिकाओं पर सकारात्मक पड़ता है। शिव चालीसा में उच्चारित शब्द कंपन पैदा करते हैं, जिससे तनाव, अवसाद और मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है।

तीसरा रहस्य – राहु-केतु और शनि दोष से मुक्ति
ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में राहु, केतु या शनि के दोष होते हैं, उनके लिए शिव चालीसा वरदान समान है। शिव को “भूतभावन” और “कालों के काल” कहा गया है, जो कालसर्प दोष और पितृ दोष तक से मुक्ति दिला सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ शनिदेव को भी शांत करता है क्योंकि शनिदेव स्वयं शिवभक्त हैं।

चौथा रहस्य – भय और बाधाओं का नाश
शिव चालीसा में भगवान शिव को विघ्नहर्ता, संकटमोचक और रक्षक बताया गया है। यदि जीवन में बार-बार रुकावटें आती हैं, अज्ञात भय सताता है या किसी तरह की बाधा महसूस होती है, तो शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायक होता है। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और जीवन में सुरक्षा का कवच प्रदान करता है।

पांचवां रहस्य – भक्ति और आत्मसाक्षात्कार का मार्ग
शिव चालीसा केवल संसारिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी अमूल्य है। इसमें भगवान शिव के तपस्वी, योगी और निराकार रूपों का सुंदर वर्णन मिलता है। जब कोई भक्त पूरी श्रद्धा से शिव चालीसा का पाठ करता है, तो वह धीरे-धीरे भौतिक मोह से हटकर आध्यात्मिक मार्ग की ओर अग्रसर होता है।

पाठ की सही विधि क्या हो?
प्रतिदिन प्रातःकाल या शाम को स्नान करके, शांत चित्त से शिव चालीसा का पाठ करें।
पाठ करते समय शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति/चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएं।
पाठ से पूर्व "ॐ नमः शिवाय" का 108 बार जप करें तो प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
सोमवार या सावन माह में पाठ का महत्व और भी अधिक हो जाता है।