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बुधवार के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, 3 मिनट के वायरल फुटेज में जानें सही विधि, पूजन सामग्री और चमत्कारी मंत्रों का महत्व

 

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से विघ्नहर्ता श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उपयुक्त होता है। बुद्धि, विवेक, शुभता और बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश की पूजा इस दिन विशेष फलदायी मानी जाती है। अगर आप भी बुधवार के दिन श्री गणेश की पूजा करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति चाहते हैं, तो आइए जानते हैं आज के दिन गणेश पूजन की सही विधि, आवश्यक सामग्री और मंत्रों का महत्व।

<a href=https://youtube.com/embed/AQHjMP0_Q70?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/AQHjMP0_Q70/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="श्री गणेशाष्टकम् | Shri Ganesh Ashtakam | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा | Ganeshashtak Hindi Lyrics" width="695">
गणेश पूजन की विधि
बुधवार के दिन गणेश पूजन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद किसी स्वच्छ स्थान पर भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पूजा के समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है। पूजा की शुरुआत गणपति स्तुति और संकल्प के साथ करें। तत्पश्चात, नीचे दिए गए क्रम से पूजन करें:

आचमन और शुद्धिकरण – हाथ में जल लेकर 'ॐ केशवाय नमः' आदि मंत्रों से आचमन करें और पूजा स्थान की शुद्धि करें।
दीप प्रज्वलन – घी या तेल का दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप जलाकर वातावरण को पवित्र करें।
स्वागत और आसन – गणेश जी को फूल अर्पित करते हुए उनका स्वागत करें और आसन अर्पित करें।
अभिषेक – जल, दूध, दही, शहद और घी से गणेश प्रतिमा को स्नान कराएं (यदि मिट्टी या धातु की प्रतिमा हो)।
वस्त्र और आभूषण – भगवान को वस्त्र चढ़ाएं और चंदन का तिलक करें।
पुष्प और अक्षत अर्पण – गणेश जी को अक्षत (चावल) और पुष्प अर्पित करें।
मिठाई व नैवेद्य – उन्हें मोदक, लड्डू या कोई भी प्रिय मिठाई का नैवेद्य चढ़ाएं।
आरती और मंत्रोच्चार – अंत में गणेश जी की आरती करें और उनकी कृपा के लिए मंत्रों का जाप करें।

गणेश पूजा में उपयोग होने वाली प्रमुख सामग्री
गणेश जी की प्रतिमा या चित्र
दीपक (घी या तेल का)
अगरबत्ती, धूपबत्ती
चंदन, कुमकुम, रोली
फूल, दूर्वा (21 पतियों वाली दूर्वा विशेष मानी जाती है)
अक्षत (चावल)
मिठाई (विशेषकर मोदक या लड्डू)
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल)
तुलसी पत्र (गणेश पूजन में वर्जित होता है – ध्यान रखें)
पीला वस्त्र या हरे रंग का वस्त्र

गणेश पूजन के मंत्र और उनका महत्व
पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जप करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। यहां कुछ प्रमुख मंत्र दिए गए हैं जो गणेश पूजन के समय अवश्य जपने चाहिए:

श्री गणेश मूल मंत्र –
ॐ गं गणपतये नमः
यह मंत्र सभी बाधाओं को दूर करता है और कार्यों में सफलता दिलाता है।

गणेश ध्यान मंत्र –
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
यह मंत्र कार्य प्रारंभ से पहले जपना अत्यंत शुभ माना गया है।

गणेश गायत्री मंत्र –
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
यह मंत्र बुद्धि और विवेक की प्राप्ति के लिए उपयोगी है।

क्यों करें बुधवार को गणेश पूजन?
बुधवार बुध ग्रह का दिन माना जाता है और बुध ग्रह के स्वामी स्वयं गणेश जी माने जाते हैं। जो लोग बुध दोष से पीड़ित होते हैं, व्यापार में हानि झेल रहे हों या वैचारिक भ्रम की स्थिति में हों, उनके लिए बुधवार का दिन विशेष रूप से पूजन हेतु उत्तम होता है। यह पूजा न केवल मन की शांति देती है, बल्कि सौभाग्य, बुद्धिमत्ता और संकल्प शक्ति को भी बढ़ाती है।