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हनुमान जी का पवित्र प्रतीक 11 मुखी रुद्राक्ष, जानें किसे पहनना चाहिए और इससे मिलते हैं कौन-कौन से लाभ ?

 

एकादशमुखी यानि 11 मुखी रुद्राक्ष। संरचना के आधार पर जिस रुद्राक्ष के दाने पर 11 धारियां या रेखाएं होती हैं उसे 11 मुखी यानि एकादशमुखी रुद्राक्ष कहते हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से इस एकादशमुखी रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। आपको बता दें कि 11 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस रुद्राक्ष में ग्यारह रुद्रों की शक्ति विद्यमान है। इन ग्यारह रुद्रों का उल्लेख रुद्र संहिता में मिलता है। रुद्र संहिता में लिखा है कि एक बार दैत्यों के हाथों देवताओं की पराजय के बाद वे कश्यप मुनि की शरण में पहुंचे। तब ऋषि को उन पर दया आ गई और वे काशी जाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की। कश्यप मुनि की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके समक्ष प्रकट हुए और देवताओं को सुरक्षा का वचन दिया। इसके अलावा, भगवान शिव के आशीर्वाद से, कश्यप मुनि को सुरभि के माध्यम से ग्यारह रुद्र पुत्र रूप में प्राप्त हुए। बाद में, इन ग्यारह रुद्रों ने राक्षसों को परास्त कर देवताओं की रक्षा की।

कौन धारण कर सकता है 11 मुखी रुद्राक्ष

आप अपनी कुंडली किसी योग्य ज्योतिषी से जाँच करवाकर इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। कुंडली में मौजूद कुछ विपरीत परिस्थितियों में इसे धारण करना वर्जित है, लेकिन यह रुद्राक्ष अधिकांश लोगों को शुभ फल देता है। यह रुद्राक्ष मेष और वृश्चिक राशि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, जिन लोगों की कुंडली में मंगल की स्थिति कमज़ोर है, वे भी इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही, इस रुद्राक्ष को कुछ रोगों और कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी धारण किया जा सकता है, जिसके बारे में आप आगे जानेंगे।

11 मुखी रुद्राक्ष के लाभ
पद्मपुराण के अनुसार, 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले को हनुमान जी जैसे गुण प्राप्त होते हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति को आत्मविश्वास मिलता है, उसकी बौद्धिक क्षमता और शारीरिक शक्ति बढ़ती है। साथ ही, वाणी में कुशलता आती है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की संधि वार्ता के दौरान यह एकादशमुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी होता है।

आपको बता दें कि 11 मुखी रुद्राक्ष पर इंद्र देव का भी आशीर्वाद प्राप्त है। यह रुद्राक्ष सभी ग्यारह इंद्रियों, अर्थात पाँच कर्मेन्द्रियों, पाँच ज्ञानेन्द्रियों और मन पर अधिकार प्रदान करता है। साथ ही, यह रुद्राक्ष भाग्य में वृद्धि करता है। इस 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति में नेतृत्व गुणों का विकास होता है, अर्थात यह व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता प्रदान करता है।

11 मुखी रुद्राक्ष को सुख-समृद्धि का कारक भी माना जाता है। इसे धारण करने या घर में रखने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है और कार्य बिना किसी बाधा के आसानी से पूरे हो जाते हैं। महाशिव पुराण के अनुसार, इस 11 मुखी रुद्राक्ष को अपनी शिखा यानी बालों में बांधने या गले में धारण करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है और व्यक्ति राजा के समान सुख भोगता है।

साथ ही, जिन लोगों को सिरदर्द, बार-बार चक्कर आना, याददाश्त कमजोर होना या लगातार सर्दी लगने की शिकायत रहती है, उन्हें भी शिखा यानी बालों में 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है, लेकिन हर किसी के लिए शिखा यानी बालों में रुद्राक्ष धारण करना संभव नहीं होता, इसलिए वे लोग भी 11 मुखी रुद्राक्ष गले में धारण कर सकते हैं।

कहा जाता है कि 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सौ अश्वमेध यज्ञ या ब्राह्मणों को एक लाख गाय दान करने के बराबर पुण्य मिलता है। साथ ही, इस रुद्राक्ष से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से सुरक्षा मिलती है और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। 11 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को अचानक होने वाली दुर्घटनाओं या अकाल मृत्यु के भय से बचाता है। साथ ही, यह रुद्राक्ष जीवन में विजय प्राप्त करने में भी मदद करता है।

योग और तंत्र आदि सीखने वालों के लिए भी 11 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है। यह व्यक्ति में धैर्य और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। इसे धारण करने से हठ योग, मंत्र योग, यम नियम, आसन और धार्मिक क्रियाकलापों व अनुष्ठानों आदि में सहायता मिलती है।

इसके अलावा, यह 11 मुखी रुद्राक्ष भय आदि से मुक्ति और विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकलने में भी सहायक होता है। साथ ही, इसे धारण करने वाला व्यक्ति सुख-समृद्धि और वैभव से परिपूर्ण जीवन व्यतीत करता है। यदि आपके जीवन में लंबे समय से कोई समस्या चल रही है, जिसका कोई समाधान नहीं मिल रहा है, तो उसके लिए भी 11 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है। जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी है, जिन्हें अनजानी बातों का डर सताता है, या आप कूटनीतिक मामलों में ठीक से निर्णय नहीं ले पाते हैं, या आपके व्यवसाय में अस्थिरता है और आप जीवन में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, तो आपको 11 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। इससे आपको शीघ्र ही लाभ दिखाई देगा।

अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की बात करें, तो हृदय संबंधी समस्याओं, शुगर और उच्च रक्तचाप, पेट संबंधी समस्याओं या अम्ल-पित्त की समस्याओं के साथ-साथ लिवर संबंधी समस्याओं से बचने के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना एक बेहतर विकल्प है।जिन लोगों को अपनी सुख-सुविधाओं के छिन जाने का डर रहता है या जिन्हें हर पल किसी अनहोनी का डर सताता रहता है या जिन्हें अकेलेपन से डर लगता है, उन्हें 9 मुखी, 10 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष को एक धागे में पिरोकर गले में धारण करना चाहिए। इससे आपको किसी भी चीज़ का डर नहीं रहेगा।

11 मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें
11 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए लाल धागे का प्रयोग करना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि 11 मुखी रुद्राक्ष के मनके को पांच मुखी रुद्राक्ष की माला में डालकर सुमेरु के रूप में भी धारण किया जा सकता है, बस इसे किसी भी रूप में धारण करने से पहले इसकी विधिवत पूजा कर लें। इसके लिए रुद्राक्ष को गंगाजल से स्नान कराकर धूप-दीप दिखाएं। साथ ही उस पर थोड़ा सा चंदन भी लगाएं और सफेद फूल चढ़ाएं। इसके बाद रुद्राक्ष को भगवान शिव की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग से स्पर्श कराएं और उस पर 11 बार पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। मंत्र है- ॐ नमः शिवाय.

इसके अलावा यदि विभिन्न शास्त्रों के अनुसार 11 मुखी रुद्राक्ष पर मंत्र जप की बात करें तो -
शिव पुराण के अनुसार - ॐ ह्रीं हुं नमः।
मंत्र महार्णव के अनुसार - ॐ श्रीं नमः।

पद्मपुराण के अनुसार- ॐ श्रीं
इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
इस तरह मंत्र जाप से आप रुद्राक्ष को सिद्ध कर सकते हैं और उसके बाद उसे धारण कर सकते हैं।