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आखिर क्यों बजरंगबली ने भीम को दिए थे अपने शरीर के 3 बाल ?

 

ये बात तो आप सभी जानते होगे कि हनुमान जी और भीम दोनो ही भगवान शिव के ही अंश माने जाते हैं। वही इस वजह से दोनो ही आपस में भाई हुए। वही आज हम आपको हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जो शायद ही आपको पता होगी।

आपको बता दें,कि एक बार पांडवो ने अपने पिता की इच्छा पूर्ति के लिए राजसूय यज्ञ का आयोजन करते हैं। यज्ञ को अधिक भव्य रूप देने के लिए युधिष्ठिर ने भगवान शंकर के मृगा को आमंत्रित करने के लिए भीम को भेजा। वही जाते वक्त श्री कृष्ण ने भीम को चेताया कि मृगा ऋषि का आधा शरीर पुरुष का और पैर मृग के हैं। वही इस कारण ही उनके चलने की गति बहुत तेज हैं और अगर आप उनके समान नहीं चल पायेंगे तो वे आपको मार डालेंगे।

वही इसके बाद ही भीम उनकी खोज में निकल पड़े। मार्ग में जाते वक्त भीम को हनुमान जी मिले। जब हनुमान ने हिमालय पर आने की वजह पूछी तो भीम ने पूरी बात कही। फिर हनुमान जी ने भी भगवान कृष्ण की बात को कहा की मृग ऋषि की चाल अत्यधिक तेज हैं,और हनुमान जी ने उन्हें एक खास उपाय भी बताया। वही हनुमान जी ने कहा कि अगर मृग ऋषि के रास्ते में शिवलिंग मिल जाएगा। तो वे​ बिना दर्शन के वहा से आगे नहीं बढ़ेगे। तभी उनकी गति धीमी हो जायेंगी। वही इसके लिए हनुमान जी ने अपने शरीर के तीन बाल भीम को दिए थे और यह भी कहा था कि मृग ऋषि अगर तुम्हारे नजदीक आ जाये तो यह एक बाल भूमि पर गिरा देना जिससे यह एक हजार शिवलिंग में बदल जायेंगा और फिर मृग ऋषि एक हजार शिवलिंग की पूजा किए बिना आगे नहीं बढ़ेंगे। इससे तुम आगे निकल जाओगे।