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श्री कृष्ण ने अर्जुन से पहले सूर्यदेव को दिया था गीता का उपदेश

 

गीता जयंती का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता हैं,इसी दिन मोक्षदायिनी एकादशी भी मनाई जाती हैं। भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। मगर भगवान कृष्ण और अर्जन के अलावा भी गीता को कई बार बोला व सुना गया हैं, सभी लोग यह जानते हैं कि कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। कुरुक्षेत्र का मैदान गीता की उत्पत्ति का स्थान माना जाता हैं ऐसा भी कहा जाता हैं की कलयुग की शुरुआत के तीस सालों पहले ही गीता का जन्म हुआ। इसलिए मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती के रूप में मनाई जाती हैं इस बार यह पर्व आठ दिसंबर दिन रविवार को मनाई जा रही हैं।

जब भगवान कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे। तब उन्होंने ये भी बोला था कि ये उपदेश पहले वे सूर्यदेव को दे चुके हैं तब अर्जुन ने आश्चर्य से कहा कि सूर्यदेव तो प्राचीन देवता हैं, आप उनको ये उपदेश पहले कैसे दे सकते हैं तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि तुम्हारे और मेरे पहले बहुत से जन्म हो चुके हैं तुम उन जन्मों के बारे में नहीं जानते हो, मगर मैं जानता हूं। इस तरह गीता का ज्ञान सर्वप्रथम अर्जुन को नहीं बल्कि भगवान सूर्यदेव को प्राप्त हुआ था। जब भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे थे, उस वक्त संजय जो धृतराष्ट्र के सारथी थे जिन्हें महर्षि वेदव्यास ने दिव्य दृष्टि प्रदान की थी। अपनी दिव्य दृष्टि से वह सब देख रहे थे और उन्होंने गीता का उपदेश धृतराष्ट्र को सुनाया था।

भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। मगर कृष्ण और अर्जुन के अलावा भी गीता को कई बार बोला व सुना गया हैं, सभी लोग जानते हैं कि कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। कुरुक्षेत्र का मैदान गीता की उत्पत्ति का स्थान माना जाता हैं मगर भगवान कृष्ण ने अर्जुन से पहले सूर्यदेव को गीता का उपदेश दिया था। श्री कृष्ण ने अर्जुन से पहले सूर्यदेव को दिया था गीता का उपदेश