गीता के वो उपदेश जिससे मिलती है जीवन में सफलता
आपको बता दें कि गीता जयंती को बहुत ही खास पर्व माना जाता हैं वही मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं इसी दिन द्वापर युग में श्री कृष्ण के श्रीमुख से गीता का जन्म हुआ, इस वजह से मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता हैं
जानिए सफलता दिलाने वाले गीता के उपदेश—
आत्मा अजर अमर है, शरीर नश्वर है
शरीर नश्वर होता हैं यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश से बना हैं यह एक दिन इसमें ही मिल जाएगा। अविनाशी है, वह कभी मरती नहीं हैं, न ही इसका जन्म होता है और न ही मृत्यु होती हैं आप अपने शरीर की सुंदरता पर गर्व न करें। आत्मा से ही आपकी पहचान हैं हर परिस्थिति में एक समान रहें।
क्रोध पर नियंत्रण रखें—
क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता हैं अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए। इससे भ्रम पैदा होता हैं फिर आप अपना विवेक खो देते हैं विवेकहीन मनुष्य कोई सही निर्णय नहीं ले सकता हैं ऐसे में आप अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें।
कर्म से पहले विचार—
कोई भी काम करने से पहले विचार करो। आप जो कर्म करने जा रहे हो, वह सही है या गलत। कर्म के बाद प्राप्त फल स्वयं ही भोगना होता हैं।