क्रोध से भंग हो जाती हैं मनुष्य के जीवन की एकाग्रता
आपको बता दें, कि गौतम बुद्ध भारत देश के बहुत महान हैं ये भगवान भी माने जाता हैं वही एक दिन गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे हुए थे। वे एकदम शांत थे, उन्हें इस तरह देखकर उनके शिष्य बहुत ही चिंतित हुए। शिष्यों ने सोचा कि शायद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं।
भगवान बुद्ध ने गुस्सा न करने की दी सीख—
बुद्ध जी ने अपनी आंखें खोली और बोले उसे आज्ञा नहीं दी जा सकती हैं ये सुनकर सभी शिष्यों को बड़ा ही आश्चर्य हुआ। बुद्ध ने कहा कि आज वह क्रोधित होकर आया हैं क्रोध से जीवन में एकाग्रता भंग हो जाती हैं, क्रोधी मनुष्य मानसिक हिंसा करता हैं इसलिए उसे कुछ वक्त एकांत में ही खड़े रहना चाहिए। क्रोधित शिष्य भी बुद्ध की बातें सुन रहा था। अब उसे खुद किए व्यवहार पर पछतावा होने लगा। वह समझ चुका था कि अहिंसा ही हमारा धर्म हैं उसने बुद्ध के सामने संकल्प किया कि वह अब कभी भी किसी पर क्रोध नहीं करेंगा।