गणेश चतुर्थी 2020: देवी पार्वती ने इस तरह की थी श्री गणेश की रचना, यहां पढ़ें पौराणिक कथा
प्रथम पूज्य श्री गणेश के नाम लिए बिना कोई भी शुभ काम शुरू नहीं किया जाता हैं किसी भी मंगल कार्य की शुरूवात से पहले भगवान गणेश का नाम लेना जरूरी होता हैं श्री गणेश का विवाह प्रजापति विश्वकर्मा की पुत्रियों के साथ हुआ था। इनका नाम ऋद्धि और सिद्धि था।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक मां पार्वती ने पुत्र प्राप्ति के लिए पुण्यक नामक उपवास किया था। इस व्रत के प्रभाव से ही मां पार्वती को पुत्र के रूप में श्री गणेश भगवान की प्राप्ति हुई थी। इस व्रत को करने के लिए शिव ने इंद्रदेव से पारिजात वृक्ष देने को कहा था। मगर इंद्र ने शिव को पारिजात वृक्ष देने से मना कर दिया था। इंद्र देव के मना करने पर शिव ने पार्वती के व्रत के लिए पारिजात के एक बवन का ही निर्माण कर डाला।