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गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम्! 3 मिनट के इस वीडियो में जाने भगवान गणेश के 12 नामों में छिपे रहस्य, जो बदल सकते हैं आपका जीवन

 

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और मंगलकर्ता माना जाता है। उनके अनेक रूप और नाम हैं, जिनमें से विशेष महत्व ‘श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम्’ को प्राप्त है। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के 12 दिव्य नामों का उल्लेख किया गया है, जो केवल नाम नहीं, बल्कि उनके साथ जुड़ी रहस्यमयी शक्तियों और जीवन में उनके प्रभावों का संकेत भी देते हैं। यह स्तोत्र स्वयं भगवान नारद द्वारा बताया गया माना जाता है, और इसका जाप करने से जीवन की कई बाधाएं दूर हो सकती हैं।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/wZF27yK0p68?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/wZF27yK0p68/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् | Ganesh Dwadashanaam Stotram | पंडित श्रवण कुमार शर्मा द्वारा" width="1250">
द्वादश नामों की दिव्यता

श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्र में गणेश जी के निम्नलिखित बारह नामों का वर्णन मिलता है:
सुमुख – जिसका मुख सुंदर हो; यह नाम सौंदर्य, आकर्षण और शुभता का प्रतीक है।
एकदंत – एक ही दंत (दांत) वाले; यह नाम बलिदान और धैर्य की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
कपिल – सुनहरा रंग या अग्निरूप; यह ज्ञान और तेज का प्रतीक है।
गजकर्णक – हाथी जैसे कान वाले; यह नाम सुनने की शक्ति और ग्रहणशीलता को दर्शाता है।
लम्बोदर – लंबे पेट वाले; यह संतोष और समाहित शक्ति का प्रतीक है।
विकट – विशाल और भयंकर; यह सभी विघ्नों को हटाने की ताकत दर्शाता है।
विघ्ननाशन – विघ्नों का नाश करने वाले; यह नाम संकटमोचन रूप का परिचायक है।
गणाधिप – गणों के अधिपति; यह नेतृत्व और संगठन शक्ति को दर्शाता है।
धूम्रवर्ण – धुएँ के समान वर्ण वाले; यह रहस्यात्मक ऊर्जा और अंतर्ज्ञान का प्रतीक है।
भालचंद्र – मस्तक पर चंद्र धारण करने वाले; यह मानसिक शांति और संतुलन दर्शाता है।
विनायक – अग्रणी और नायक; यह आत्मबल और दिशा देने की क्षमता का परिचायक है।
गणेश्वर – सभी गणों के ईश्वर; यह सार्वभौमिक नियंत्रण और सत्ता का प्रतीक है।

12 रहस्य: हर नाम के पीछे एक गहरी जीवनदर्शन
इन नामों में छिपे रहस्य केवल धार्मिक नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक भी हैं। उदाहरण के लिए, ‘सुमुख’ हमें यह सिखाता है कि हमारे विचार और व्यवहार सुंदर और सकारात्मक हों। ‘विघ्ननाशन’ यह प्रेरणा देता है कि हर समस्या का हल धैर्य और विवेक से संभव है। ‘गणेश्वर’ यह समझाते हैं कि हर व्यक्ति में नेतृत्व और निर्णय की क्षमता छिपी होती है।

12 शक्तियाँ: जीवन के हर क्षेत्र में फलदायक
गणपति के ये 12 नाम न केवल मंत्र हैं बल्कि अलग-अलग शक्तियों के स्रोत हैं:
छात्रों के लिए ‘सुमुख’ और ‘एकदंत’ विशेष लाभकारी माने जाते हैं।
नौकरी या व्यापार में सफलता के लिए ‘गणाधिप’ और ‘विनायक’ का जाप किया जाता है।
मानसिक शांति के लिए ‘भालचंद्र’ और ‘धूम्रवर्ण’ सहायक होते हैं।
बाधाओं को दूर करने के लिए ‘विकट’ और ‘विघ्ननाशन’ अत्यंत प्रभावशाली हैं।

जाप विधि और महत्त्व
श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का नियमित जाप करने से मन में स्थिरता आती है, आत्मबल बढ़ता है और दुर्भाग्य दूर होता है। इस स्तोत्र को विशेष रूप से बुधवार, चतुर्थी तिथि या किसी कार्य की शुरुआत से पहले पढ़ना अत्यंत शुभ माना गया है। घर में सुख-शांति बनाए रखने और परिवार पर बुरी नजर से बचाव के लिए भी इसका पाठ लाभकारी है।