×

जयपुर की पहाड़ियों में बसा गलता जी मंदिर, इस वायरल फुटेज में यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देख निकल पड़ेंगे घूमने 

 

जयपुर की खूबसूरत वादियों में स्थित गलता जी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहाँ आध्यात्मिकता, पौराणिकता और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम देखने को मिलता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी एक अत्यंत लोकप्रिय स्थल बन चुका है। यहां आने वाले पर्यटक गलता जी की नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।

<a href=https://youtube.com/embed/pFvnuYNwCvo?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/pFvnuYNwCvo/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden"" title="Galta Temple Jaipur | गलताजी मन्दिर जयपुर का इतिहास, स्थापना, मन्दिर, कुंड, बंदरों का रहस्य और गोमुख" width="695">
पौराणिक महत्ता और धार्मिक विश्वास
गलता जी मंदिर को 'गालव तीर्थ' के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यही वह स्थान है जहां महर्षि गालव ने वर्षों तक तपस्या की थी। उनकी कठोर साधना से प्रसन्न होकर भगवान सूर्यदेव ने उन्हें दर्शन दिए और इस भूमि को पवित्र बना दिया। इसलिए यहां पर सूर्य कुंड और अन्य पवित्र जलस्रोत आज भी मौजूद हैं, जिनमें स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति मिलने का विश्वास किया जाता है। खासकर मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु इन कुंडों में स्नान करने आते हैं।

अद्भुत स्थापत्य और वास्तुशिल्प
गलता जी मंदिर परिसर कई छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है, जो गुलाबी पत्थरों और भव्य राजस्थानी स्थापत्य शैली में बने हैं। मुख्य मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें "गलता वाले हनुमान जी" कहा जाता है। इन मंदिरों की दीवारों और गुम्बदों पर की गई नक्काशी, भित्ति चित्र और कलात्मक निर्माण पर्यटकों का ध्यान खींचते हैं। मंदिर का निर्माण जयपुर के पूर्व राजा सवाई जय सिंह द्वितीय के काल में हुआ था, और यह स्थापत्य की दृष्टि से एक अनुपम उदाहरण है।

प्राकृतिक सौंदर्य और बंदरों की नगरी
गलता जी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक तीर्थ भी है। अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित यह स्थान हरे-भरे वृक्षों, जलकुंडों और प्राकृतिक झरनों से भरपूर है। यहां की हरियाली और शांति वातावरण को दिव्यता से भर देती है। यही कारण है कि यह स्थान न केवल धार्मिक लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए भी एक स्वर्ग के समान है।गलता जी को एक और नाम से जाना जाता है—"मंकी टेम्पल"। यहां बड़ी संख्या में बंदर निवास करते हैं और स्थानीय पंडे तथा श्रद्धालु उन्हें विशेष रूप से प्रसाद खिलाते हैं। ये बंदर किसी भी श्रद्धालु या पर्यटक को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि उनकी उपस्थिति इस मंदिर की एक विशेष पहचान बन गई है।

आध्यात्मिक अनुभव और साधु-संतों का संगम
यह मंदिर सदा से साधु-संतों और तपस्वियों का आश्रय स्थल रहा है। आज भी यहां कई साधु ध्यान और साधना में लीन रहते हैं। इस स्थान का वातावरण इतना शांत और दिव्य है कि मन स्वतः ही ध्यान की ओर आकर्षित हो जाता है। यहां बैठकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करना, आत्मिक शांति और मानसिक स्थिरता पाने के लिए श्रेष्ठ स्थान माना जाता है।

पर्यटन की दृष्टि से भी अद्वितीय
जयपुर आने वाले पर्यटक आम तौर पर आमेर किला, हवा महल, सिटी पैलेस जैसे प्रमुख स्थलों को देखते हैं, लेकिन जो लोग गलता जी आते हैं, उन्हें एक अलग ही अनुभव प्राप्त होता है। यह स्थल उन यात्रियों के लिए अत्यंत खास होता है जो शहर की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में कुछ समय शांति से बिताना चाहते हैं।

गलता जी मंदिर तक पहुँचने का रास्ता भी रोमांच से भरा होता है। पहाड़ी रास्तों से होकर मंदिर तक पहुंचना किसी ट्रेकिंग से कम नहीं लगता। रास्ते में प्राकृतिक दृश्य, स्थानीय ग्रामीण जीवन की झलकियाँ और मंदिर से पहले दिखने वाले सूर्योदय-सunset के अद्भुत दृश्य पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय बन जाते हैं।

गलता जी की यात्रा क्यों है खास?
गलता जी मंदिर की यात्रा एक सम्पूर्ण अनुभव है—यह न केवल आपके धार्मिक विश्वास को गहराता है, बल्कि आत्मिक ऊर्जा, मानसिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम भी प्रस्तुत करता है। चाहे आप भगवान हनुमान के भक्त हों, सूर्य उपासक हों या बस एक सुकून की तलाश में हों—गलता जी हर किसी को कुछ न कुछ विशेष देता है।