तीसरे सावन सोमवार पर भद्राकाल का प्रभाव! शिव आराधना करने से पहले वीडियो में जाने पूजा का शुभ मुहूर्त और दुर्लभ उपाय
सावन का तीसरा सोमवार 28 अगस्त को है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा और शिवलिंग पर जल चढ़ाने का बहुत महत्व है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को जलाभिषेक करने वाले सभी भक्तों की मनोकामना बाबा भोलेनाथ पूरी करते हैं। सावन सोमवार का व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो इसे अपने पति और परिवार की सुरक्षा के लिए रखती हैं। इस बार सावन के तीसरे सोमवार पर भद्रा का साया भी मंडरा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं सावन के तीसरे सोमवार पर भद्रा रहित पूजा का शुभ मुहूर्त-
सावन के तीसरे सोमवार पर भद्रा का साया
पंचांग के अनुसार, 28 जुलाई को सुबह 10:57 बजे से रात 11:24 बजे तक भद्रा रहेगी। चंद्रमा दोपहर 12:00 बजे तक सिंह राशि में रहेगा, उसके बाद कन्या राशि में चला जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है, तो भद्रा पृथ्वी पर रहती है। ऐसे में कल भद्रा मान्य रहेगी। इसके साथ ही सुबह 7:22 बजे से 9:04 बजे तक राहुकाल भी रहेगा।
शिव पूजन का श्रेष्ठ समय जानें: पंचांग के अनुसार, सोमवार को अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक, रवि योग सुबह 5:40 बजे से शाम 5:35 बजे तक रहेगा। ऐसे में राहुकाल और भद्रा रहित मुहूर्त सुबह 9:05 बजे से 10:56 बजे तक रहेगा। आप राहुकाल शुरू होने से पहले यानी सुबह 7:22 बजे और भद्रा समाप्त होने के बाद यानी रात 11:24 बजे के बाद भी पूजन कर सकते हैं।
उपाय- सावन सोमवार को किया गया रुद्राभिषेक ग्रह दोषों, विशेषकर चंद्र, राहु, केतु और शनि से संबंधित समस्याओं की शांति के लिए लाभकारी होता है। यह दिन कालसर्प योग के निवारण के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है।