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देवउठनी एकादशी: साल की सबसे शुभ एकादशी आज, गलती से भी ना करें ये काम

 

सभी 24 एकादशी में सबसे शुभ और मंगलकारी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी को माना जाता हैं। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी देवप्रबोधिनी एकादशी, देवप्रबोधिनी एकादशी और डिठवन एकादशी भी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 19 नवंबर यानी आज हैं। ऐसा माना जाता हैं, कि इस दिन भगवान विष्णु जो पिछले चार महीनों से क्षीर सागर में सोए हुए थे। वह जागते हैं। भगवान के जागते ही चार महीनों रूके हुए सभी तरह के मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। देवोत्थान एकादशी पर करें यह काम—
देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु नींद से जागते हैं,जिसकी खुशी और स्वागत में सभी देवी-देवता दीप उत्सव मनाते हैं। ऐसे में ही इस दिन भगवान की विशेष कृपा पान के लिए अपने घर पर दीप अवश्य जलाएं। देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और तुलसी का विवाह होता हैं। ऐसे में आज के दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व हो जाता हैं।

देवोत्थान एकादशी यानी आज के दिन ना करें ये काम—
शास्त्रों में सभी 24 एकादशियों में चावल खाने को वर्जित बताया गया हैं। ऐसी मान्यता हैं, कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता हैं।

एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता हैं। एकादशी के दिन खन-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए। इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।