Dev uthani ekadashi: ऐसे करें देवउठनी एकादशी का व्रत, जानिए पूजा की शास्त्रीय विधि
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता हैं आज यानी 25 नवंबर दिन बुधवार को देवउठनी का व्रत पूजन किया जा रहा हैं। देवउठनी एकादशी के दिन व्रत करने वाली महिलाएं सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल को साफ करें और पूजा स्थल और आंगन में चौक बनाकर भगवान श्री विष्णु के चरणों को कलात्मक रूप से अंकित करें। अगर धूप हो तो भगवान के चरणों को ढंक दें। रात्रि के समय घंटा और शंख बजाकर इस मंत्र से भगवान को जगाएं।
‘उत्तिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पतये।
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत् सुप्तं भवेदिदम्॥’
‘उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव।
गतामेघा वियच्चैव निर्मलं निर्मलादिशः॥’
‘शारदानि च पुष्पाणि गृहाण मम केशव।’
वही इसके बाद श्री विष्णु को तिलक लगाएं। श्रीफल अर्पित करें। नए वस्त्र अर्पित करें। मिष्ठान का भोग लगाएं। और कथा का श्रवण करने के बाद आरती जरूर करें और सभी में प्रसाद बांटें। आपको बता दें कि देवउठनी एकादशी पूजन में व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए। ऐसा कहा जाता हैं कि इस दिन किसी को बुरा भला न कहें। मन में किसी प्रकार का कोई बुरा विचार न लाएं। किसी से झूठ न बोलें।