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आज देवशयनी एकादशी से लग रहा चातुर्मास

 

आपको बता दें, कि हिंदू धर्म में वैसे तो सभी एकादशी को महत्व दिया गया हैं मगर देवशयनी एकादशी बहुत ही विशेष मानाी जाती हैं एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित करने वाला व्रत होता हैं हर महीने दो एकादशी आती हैं एक शुक्ल पक्ष की एकादशी वही दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादशी 12 जुलाई यानी की आज देवशयनी एकादशी हैं

वही आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं वही इस एकादशी को हरिशयनी, आषाढ़ी एकादशी और पद्मनाभा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं।

जानिए देवशयनी एकादशी का महत्व—
आपको बता दें, कि वैसे तो महीने में आने वाली एकादशी का बहुत महत्व होता हैं मगर साल की इस एकादशी की विशेष मान्यता हैं देवशयनी एकादशी जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट हैं कि देव के शयन का समय। भगवान श्री हरि विष्णु इस एकादशी वाले दिन में शयन के लिए क्षीर सागर में आराम करते हैं वही भगवान विष्णु चार मास के लिए अपनी पत्नी देवी लक्ष्मी संग क्षीर सागर में विश्राम करते हैं इन चार महीने को चातुर्मास कहा जाता हैं। वही इसमें पूजा आराधना का बहुत ही महत्व होता हैं वही मान्यता हैं कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।

चातुर्मास चार महीने का ऐसा समय होता हैं जिसमें सृष्टि के पालनहार भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में निद्रा में होते हैं वही हिंदू पंचांग के मुताबिक यह आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता हैं वही देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु सागर में आराम करेंगे।

हिंदू धर्म में वैसे तो सभी एकादशी को महत्व दिया गया हैं मगर देवशयनी एकादशी बहुत ही विशेष मानाी जाती हैं एकादशी का व्रत भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित करने वाला व्रत होता हैं हर महीने दो एकादशी आती हैं एक शुक्ल पक्ष की एकादशी वही दूसरी कृष्ण पक्ष की एकादशी 12 जुलाई यानी की आज देवशयनी एकादशी हैं वही आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं वही इस एकादशी को हरिशयनी, आषाढ़ी एकादशी और पद्मनाभा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। आज देवशयनी एकादशी से लग रहा चातुर्मास