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गायत्री मंत्र का जाप सिर्फ धार्मिक नहीं वैज्ञानिक रूप से भी फायदेमंद, 2 मिनट के शानदार वीडियो में जानिए चौंकाने वाले स्वास्थ्य लाभ

 

गायत्री मंत्र, जिसे वेदों की आत्मा कहा गया है, न केवल एक आध्यात्मिक साधना है, बल्कि इसके नियमित जाप से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। यह मंत्र वेदों में वर्णित सर्वोच्च ज्ञान की अभिव्यक्ति है और इसका उच्चारण हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति में किया जा रहा है। आधुनिक विज्ञान भी अब यह स्वीकार कर रहा है कि मंत्रों के उच्चारण से मस्तिष्क की तरंगें प्रभावित होती हैं, जिससे शरीर और मन पर गहरा सकारात्मक असर पड़ता है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/YjyCc6Tyg-A?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/YjyCc6Tyg-A/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="गायत्री मंत्र | सुपरफास्ट गायत्री मंत्र | फ़ास्ट गायत्री मंत्र | Super Fast Gayatri Mantra |" width="1250">

गायत्री मंत्र क्या है?

गायत्री मंत्र ऋग्वेद में वर्णित एक अत्यंत प्रभावशाली वैदिक मंत्र है। इसका मूल पाठ इस प्रकार है:

"ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥"

इसका अर्थ है – हे परम शक्ति! तू जो तीनों लोकों – भू (पृथ्वी), भुवः (आकाश) और स्वः (स्वर्ग) का आधार है, हम तेरे तेजस्वी स्वरूप का ध्यान करते हैं, तू हमारे बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित कर।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

गायत्री मंत्र का जाप करने से सबसे पहले मानसिक शांति मिलती है। जब व्यक्ति प्रतिदिन कुछ समय इस मंत्र का जाप करता है, तो मस्तिष्क में डोपामीन और सेरोटोनिन जैसे सकारात्मक रसायनों का स्त्राव बढ़ता है, जो तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करते हैं। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हुआ है कि मंत्रों के कंपन मस्तिष्क की अल्फा वेव्स को सक्रिय करते हैं, जिससे ध्यान की अवस्था उत्पन्न होती है।

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

गायत्री मंत्र का उच्चारण जब लयबद्ध और गहरे स्वर में किया जाता है, तो इससे शरीर में कंपन उत्पन्न होते हैं। यह कंपन वोकल कॉर्ड्स से होते हुए फेफड़ों और हृदय तक सकारात्मक प्रभाव पहुंचाते हैं। इससे श्वसन प्रक्रिया बेहतर होती है, ऑक्सीजन का प्रवाह शरीर में सही ढंग से होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि नियमित मंत्रजाप करने वालों की इम्यूनिटी मजबूत होती है और वे लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।

ब्रेन एक्टिविटी और फोकस

एक रिसर्च के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति 15 मिनट तक लगातार गायत्री मंत्र का जाप करता है, तो मस्तिष्क की प्रिफ्रंटल कॉर्टेक्स अधिक सक्रिय हो जाती है। यही हिस्सा ध्यान, निर्णय लेने की क्षमता और स्मरण शक्ति से जुड़ा होता है। इस कारण विद्यार्थी या ऑफिस वर्क करने वाले लोग, अगर रोज सुबह गायत्री मंत्र का जाप करें, तो उनका ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ जाती है।

विज्ञान और अध्यात्म का मेल

विज्ञान अब यह मानने लगा है कि ध्वनि की तरंगें शरीर की कोशिकाओं और डीएनए तक प्रभाव डालती हैं। गायत्री मंत्र का उच्चारण विशेष प्रकार की ध्वनि लहरें उत्पन्न करता है जो शरीर में एक ऊर्जा कंपन (vibrational energy) उत्पन्न करता है। इसे साउंड थेरेपी के रूप में भी उपयोग किया जाता है। विदेशों में अब मेडिटेशन सेंटरों में गायत्री मंत्र को “साउंड हीलिंग टूल” के रूप में भी अपनाया जा रहा है।