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Ashtami Tithi 2020: विद्या सीखने के लिए शुभ मानी जाती है अष्टमी तिथि

 

हिंदू धर्म पंचांग के मुताबिक हर महीने आने वाली आठवीं तिथि को अष्टमी कहा जाता हैं यह तिथि मास में दो बार आती हैं एक बार पूर्णिमा के बाद और दूसरी बार अमावस्या के बाद यह तिथि पड़ती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली अष्टमी को कृष्ण पक्ष की अष्टमी और अमावस्या के बाद आने वाली अष्टमी को शुक्ल पक्ष की अष्टमी के नाम से जानते हैं इस तिथि पर देवी मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती हैं वही इस दिन माता दुर्गा का व्रत, पूजन करने से सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति मिल जाती हैं सुख, समृद्धि, संपन्नता की प्राप्ति होती हैं वही अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता हैं इस दिन देवी मां दुर्गा की चालीसा का पाठ करना भी जरूरी माना जाता हैं।

वही पंचांग की आठवी तिथि को अष्टमी का नाम कलावती हैं इस तिथि में कई तरह की कलाएं और विधाएं सीखना अच्छा माना जाता हैं वही मान्यताओं के मुताबिक इस तिथि में अभिनय, नृत्य, गायन आदि कला सीखने के लिए प्रवेश लेना शुभ माना जाता हैं यह तिथि चंद्रमा की आठवीं कला माना गया हैं अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव को मनाया गया हैं मगर अष्टमी तिथि में देवी मां दुर्गा की शक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं शुक्ल पक्ष की अष्टमी में भोलेनाथ का पूजन करना वर्जित माना गया हैं मगर कृष्ण पक्ष की अष्टमी में शिव का पूजन करना उत्तम होता हैं किसी भी पक्ष की अष्टमी तिथि में नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पावन तिथि पर लाल पुष्प, लाल चंदन, दीपक, धूप आदि से विधि विधान से माता की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं किया जाता हैं भोग विलासिता से दूर रहे। रात्रि में जमीन पर शयन करना चाहिए।