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शुभ फल प्रदान करता हैं यह महाव्रत

 

आपको बता दें, कि हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी को बहुत ही खास और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता हैं वही भगवान श्री सत्यनाराण के समान अनंत देव भी भगवान श्री हरि विष्णु का ही एक नाम हैं वही भाद्रपद मास में शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में जाना जाता हैं वही इस दिन अनंत भगवान की पूजा अर्चना करना बहुत ही शुभ और फलदायी होता हैं वही जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हार गए और वन में कष्ट भोग रहे थे, तब ही भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें इस खास और महाव्रत को रखने की सलाह दी थी। वही सत्यवादी राजा हरिशचंद्र के दिन भी इस महाव्रत के प्रभाव से बहुरे थे। बता दें कि इस व्रत के प्रभाव से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में मनुष्य को सुख शांति की प्राप्ति होती हैं वही अनंत चतुर्दशी की पूजा में अनंत सूत्र का बहुत अधिक महत्व होता हैं वही हिंदू धर्म की मान्यता यह भी हैं कि इस अनंत सूत्र को बांधने से मनुष्य के हर कष्ट दूर हो जाते हैं। वही अनंत सूत्र रक्षा कवच की तरह मनुष्य के जीवन में कार्य करता हैं इस दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता हैं वही इस वजह से इस दिन का विशेष महत्व होता हैं वही माना जाता हैं कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान श्री गणेश पुन कैलाश पर्वत पर पहुंच जाते हैं। वही अनंत चतुर्दशी पर भगवान श्री गणेश का आह्वान कर उनकी पूजा अर्चना अवश्य ही करनी चाहिए। इसे दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ भी करना बहुत ही फलदायी माना जाता हैं।

इस व्रत के प्रभाव से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में मनुष्य को सुख शांति की प्राप्ति होती हैं वही अनंत चतुर्दशी की पूजा में अनंत सूत्र का बहुत अधिक महत्व होता हैं वही हिंदू धर्म की मान्यता यह भी हैं कि इस अनंत सूत्र को बांधने से मनुष्य के हर कष्ट दूर हो जाते हैं। वही अनंत सूत्र रक्षा कवच की तरह मनुष्य के जीवन में कार्य करता हैं इस दिन गणपति विसर्जन भी किया जाता हैं वही इस वजह से इस दिन का विशेष महत्व होता हैं वही माना जाता हैं कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान श्री गणेश पुन कैलाश पर्वत पर पहुंच जाते हैं शुभ फल प्रदान करता हैं यह महाव्रत