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सावन में शिवजी गए थे ससुराल, इस पौराणिक वीडियो में शिवपुराण के अनुजसार जाने भोलेनाथ को क्यों प्रिय है ये महीना ?

 

11 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है। इस महीने का रंग लोगों के घरों से लेकर मंदिरों तक चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी लोगों की भक्ति देखने को मिल रही है। इस बीच, आपने कई बार सुना या पढ़ा होगा कि सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। उन्हें यह महीना बेहद प्रिय है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे क्या कारण है? आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म के महान ग्रंथों में से एक शिवमहापुराण में इसके बारे में क्या लिखा है? इसके साथ ही, हम अन्य मान्यताओं के बारे में भी जानेंगे। नीचे जानिए भगवान शिव और सावन का वो खास संबंध क्या है?

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/LGzqgQk5ie0?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/LGzqgQk5ie0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="पवित्र शिवरात्रि व्रत कथा | सुपरफास्ट शिवरात्रि व्रत कथा | Shivratri Vrat Katha" width="1250">

माता पार्वती ने की थी कठिन तपस्या

आपको बता दें कि सावन के महीने में माता पार्वती ने कठिन तपस्या की थी। यह तपस्या प्रेम पाने के लिए थी। यह तपस्या शिव को पति रूप में पाने के लिए थी। आपको बता दें कि जब माता सती ने अपने प्राण त्यागे थे, तब उन्होंने यह व्रत लिया था। कहा जाता है कि उन्होंने ही माता पार्वती के रूप में जन्म लिया था। कठिन तपस्या करने के बाद ही उनका विवाह भगवान शिव से हुआ था। माता पार्वती ने 107 बार जन्म लिया और 108वें जन्म में कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव से मिलीं। कहा जाता है कि यही वजह है कि उन्हें सावन का महीना सबसे ज़्यादा प्रिय है।

रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है?

इसके बारे में एक और मान्यता बहुत प्रचलित है कि देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन करते हैं। चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव भी शयन करते हैं। इस दिन वे अपने रुद्र अवतार में होते हैं। कहा जाता है कि इस अवतार में वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। साथ ही, वे जल्दी क्रोधित भी होते हैं। इसी वजह से सावन के महीने में रुद्राभिषेक किया जाता है ताकि उन्हें प्रसन्न किया जा सके।

भगवान शिव अपनी ससुराल क्यों गए थे?

शास्त्रों के अनुसार, सावन ही वह महीना था जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया था। एक किस्सा यह भी है कि सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर आए थे। राजा दक्ष अपनी पत्नी के कहने पर पूरे सावन अपनी ससुराल में ही रहे। यहाँ उनका आदरपूर्वक स्वागत किया गया। कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव धरती पर आते हैं और लोगों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।