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आपको क्रीम से गोरा होना पड़ सकता है भारी

 

जयपुर। आज कल कौन गोरा नहीं होना चाहता है। लोगों का मानना है कि जो लोग गोरे होते है वही खूबसूरत लगते है। काले लोग बदसूरत होते है। इसके लिए लोगों में भेदभाव जैसी भावना आ गई है। तो लोग गोरा दिखने के लिए कई तरह की कॉस्मेटिक का उपयोग करते है। विशेषज्ञों के बताते है कि क्रीम से गंभीर साइड-इफेक्ट हो सकते हैं। आपको शायद जदानकारी नहीं होगी कि क्रीमों को बाज़ार में उतारने से पहले इन्हें कुछ ज़रूरी जांचों से गुज़रना होता है

लेकिन ज़्यादातर क्रीम इन जांच को पास नहीं कर पाती है क्योंकि ऐसी क्रीमों में पारे जैसा ख़तरनाक पदार्थ होता है। त्वाचा के विशेषज्ञ बताते है कि क्रिम में ज़रूरत से ज़्यादा पारा डाल दिया जाए तो ये सेहत के लिए ख़तरनाक हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिर्पोट के अनुसार चार में से तीन महिलाएं डॉक्टर की सलाह के बगैर ब्लीच इस्तेमाल करती हैं और इसी तरह से महिलाएं चेहर के निशान छिपाने और सुंदरता बढ़ाने के लिए गोरा करने वाली क्रीम इस्तेमाल करती हैं।

आपको बता दे कि महिलायें इसे झाइयों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल करती है। झाई एक तरह की त्वचा की समस्या है। इसमें शरीर के कुछ हिस्सों पर हल्के भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं और भूरे रंग के ही नहीं यह सफेद रंग के भी हो सकते है।  झाइयां आम तौर पर गर्भवती महिलाओं को अधिक होती हैं। लेकिन यह ऐसे भी हो जाती है। वैसे इन को छिपाने के लिए महिलायें पारे से निर्मित क्रिम का इस्तेमाल करती है जो इनके छीपा देते है।