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अब दीवारों पर छिपकली की तरह चल पाएंगे रोबोट, नया पदार्थ खोजा गया

 

जयपुर। छिपकली को कुदरत ने ऐसा अनोखा गुण दिया है कि वह बिना किसी चिपचिपे पदार्थ के दीवारों पर बड़ी आसानी से चहलकदमी कर लेती हैं। इसी गुण से प्रेरित होकर हाल ही में शोधकर्ताओं ने रोबोट्स के लिए एक चिपकने वाला पदार्थ विकसित किया है। बता दे के कि इस पदार्थ की मदद से अब रोबोट भी छिपकली की तरह दीवारों पर कुशलता पूर्वक इधर उधर चल पाएंगे।

यह शोध जर्मनी की कील यूनीवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया है। शोधकर्ता बताते है कि उन्हें छिपकली में पाई जाने वाली चिपकने की कुशलता हासिल करने के लिए एक नया पदार्थ मिल गया है। यह चिपकनेवाला पदार्थ पराबैंगनी किरणों की मदद से नियंत्रित किया जा सकेगा। यानी अगर रोबोट को दीवार पर नियंत्रित करना है तो उसके ऊपर पराबैंगनी किरणों का उत्सर्जन किया जाएगा।

इस तरह के रोबोट परिवहन को एक नया आयाम देंगे। गौरतलब है कि अब तक स्पाइडरमैन जैसी खूबियों वाले रोबोट विकसित नहीं हो पाए हैं। इसका मुख्य कारण इस तरह के पदार्थ की कमी ही थी। हालांकि कुदरत ने सरीसृप जीव वर्ग को इस खास किस्म की खूबी से नवाज़ा है। इस पदार्थ को अल्ट्रावायलेट किरणों से नियंत्रित किया जाएगा। इस तकनीक की मदद से रोबोट दूर से ही लाइट रिमोट की मदद से काबू में किए जा सकेंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह पदार्थ लिक्विड क्रिस्टल इलास्टोमर (LCE) नामक तकनीक से बनाया गया है। इस पदार्थ मे एक खास किस्म की आण्विक संरचना पाई जाती है, ठीक ऐसी ही संरचना छिपकली के शरीर में भी पाई जाती है। इस पदार्थ पर UV किरणे पड़ते ही यह कमजोर होने लगता है। पकड़ ढीली करने के लिए इन किरणों का इस्तेमाल किया जाएगा।