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जानिए कौन है शुभांशु शुक्ला? जो राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले बने दूसरे भारतीय

 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संगठन (ISRO) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) संयुक्त रूप से एक अंतरिक्ष मिशन शुरू कर रहे हैं। इस मिशन का नाम एक्सिओम-4 मिशन है, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला करेंगे।

सुभांशु शुक्ला मिशन के 4 चालक दल के सदस्यों में से एक होंगे और मिशन के पायलट होंगे। यह मिशन अगले महीने मई 2025 में लॉन्च होने वाला है। मिशन के तहत शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में करीब 14 दिन बिताएंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को ही सोशल मीडिया एक्स पर इस मिशन के बारे में बताया।

सुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले पहले व्यक्ति और अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे। शुभंशु से पहले राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में गए थे। चारों अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे। शुभांशु इस मिशन के पायलट होंगे।

शुभांशु के अलावा इस मिशन में तीन और देशों के तीन अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे। स्लावोज उज़्नान्स्की एक पोलिश अंतरिक्ष यात्री हैं, जो 1978 के बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे पोलिश अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। टिबोर कापू एक हंगेरियन अंतरिक्ष यात्री हैं, जो 1980 के बाद से अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे हंगेरियन बनेंगे। पैगी व्हिटसन एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं और यह उनका दूसरा वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है।

कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

आपको बता दें कि शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के रहने वाले हैं। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज में पढ़ाई की। 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हो गए। 17 जून 2006 को वे भारतीय वायु सेना में फाइटर विंग ऑफिसर के रूप में शामिल हुए। उनके पास 2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।

शुभांशु ने सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 जैसे लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। वर्ष 2019 में सुभांशु का चयन गगनयान मिशन के लिए हुआ था। 2019 से 2021 तक, शुभंशु ने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बुनियादी अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण लिया। सुभांशु ने बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा केंद्र में भी प्रशिक्षण लिया है।