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आखिर यह स्मॉग किस बला का नाम है? जानिए खतरनाक तथ्य के बारे में

 

जयपुर। कुछ दिनों से दिलवालों की दिल्ली बीमार है। काफी समय से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या ने विकराल रूप धारण कर रखा है। हाल ही में एक शब्द काफी चर्चा में रहा था, स्मॉग। जी हां, दोस्तों न्यूज में हर तरफ यही चर्चा का विषय था कि दिल्ली में स्मॉग की वजह से हालात काफी गंभीर है। लोगों का बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलना मौत को दावत देना जैसा बताया जा रहा था। हम आपको आज इस तथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर यह स्मॉग किस बला का नाम है।

स्मॉग को हिन्दी में धुआंसा कहा जाता है। दरअसल यह शब्द दो शब्दों धुंए (स्मोक) और कोहरे (फॉग) से मिलकर बना है। यानी स्मॉग का मतलब यह हुआ कि धुंध में धुंए या कालिख के कण मिले हुए रहते हैं। तभी तो यह बहुत खतरनाक माना गया है। इससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस वजह से सांस लेना भी दूभर हो जाता है। हम आपको बता दे कि स्मॉग एक पीला या काले रंग का घना कोहरा होता है। इसमें जहरीली गैसों के ठोस कण भी होते हैं।

दिल्ली जैसे महानगरों में हाल ही के कुछ सालों में स्मॉग की एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है। अब यह ताड़का की तरह अपना मुंह फैला रहा है। हाल ही में दिल्ली क दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है। यह काफी चिंता का विषय है। स्मॉग की वजह से दृश्य क्षमता भी काफी कम हो जाती है। इस वजह से सड़क दुर्घटनाएं भी बहुत बढ़ जाती है।

स्मॉग शब्द का सबसे पहले आधिकारिक रूप से प्रयोग 1900 के शुरूवात में लंदन में किया गया था। इसके अनुसार यह बताया गया था कि वह स्थिति जिसमें स्मोग स्मोक और फॉग से मिलकर बनता है। यह पूरे शहर को काले साये की तरह ढक लेता है। इससे बचने के लिए हमें कार्बन उत्सर्जन को बिल्कुल कम करना होगा।