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आर्कटिक महासागर के रहस्यों का पिटारा खालेगी ये पनडुब्बी

 

जयपुर। बूटी मैकबोटफेस स्वाभाविक पानी के नीचे चलने वाली लम्बी रेंज क्लास की प्रमुख नाव है आपको बता दे कि ये वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए उपयोग में लायी जाती है इससे वैज्ञानिक समंदर में जाकर की तरह के शोध करते है। इसके बारे में जानकारी दे दे कि यह प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद (एनईआरसी) के स्वामित्व वाली आरआरएस सर डेविड एटेनबरो और ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (बीएएस) द्वारा संचालित की जाती है। आपको बता दे कि यह पहली सबमरीन ड्रोन है जिसे आर्कटिक क्षेत्र में खोज के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।

वैसे तो इस अद्भुत तकनीकी रोबोटिक वाहन ने इंटरनेट पर खासी लोकप्रियता बटोर ली है। बता दे कि इसे आर्कटिक रीजन में रिसर्च के लिये 1,24,000 वोट मिले थे। वैज्ञानिकों ने कहा की इस सबमरीन ने समुद्र के कई राज़ खोले हैं और फिर से ये और भी राज़ खोलने जा रही है। नेशनल महासागरीय केंद्र के अनुसार बूटी के अंडरसी अभियान से आर्कटिक रीजन के रहस्यों से पर्दा हटाने में मदद कर सकती है। शोधकर्ता बता दे कि इस पीले वाहन को समुद्र की गहराई में उतारने की तैयारी कर रहे हैं और महासागर के कई गहरे राज़ खोलेगा।

आपको जानकारी दे दे कि बूटी ने अब तक ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के तहत दक्षिणी क्षेत्र में 2 मील का सफ़र तय किया है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किया कि समुद्री दबाव को कितना झेल सकती है, तूफान आने पर कैसे बचाव कर सकती है। वैज्ञानिक कहते है कि सबमरीन भविष्य में जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से निपटने में सक्षम हो पायेगी और साथ ही आर्कटिक रीजन से कई जानकारियां हासिल करवायेगी हैं। बूटी सबमरीन पानी की गहराई में दिशा भम्र को दूर करने में सहायक है।