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कपड़े धोने वाले सोडे के बारे वो बातें जो शायद आप ना जानते हो?

 

जयपुर। अक्सर आपने शाम को डिनर के बाद दुकान पर जाकर सोडा जरूर पिया होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि खाने पीने के अलावा भी सोडा कपड़े धोने के काम भी आता है। जी हां, हम बता कर रहे हैं कास्टिक सोडे यानी वाशिंग सोडा की जिसे रसायन विज्ञान की जुबान में सोडियम कार्बोनेट कहते हैं। गौरतलब है कि इसके क्रिस्टलीकरण में पानी के 10 अणु पाए जाते हैं। तो इस आधार पर वाशिंग सोडा का सूत्र  Na2CO3.10H2O होता है। इसे सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट कहते है।

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लेकिन जब सोडियम कार्बोनेट में पानी का कोई भी क्रिस्टल नहीं होता है तो उसे निर्जलीय सोडियम कार्बोनेट या सोडा ऐश (Na2CO3) कहते है। तो दोस्तों हम आपको आज कपड़े धोने वाले सोडे की जानकारी दे रहे हैं। अगर आपको घर पे कास्टिक सोडा बनाना है तो सबसे पहले अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड को एक साथ गर्म करके उसे ठंडे सोडियम क्लोराइड के घोल में मिला दीजिए। इस तरह से सोडियम कार्बोनेट बनाने की प्रक्रिया को सॉल्वे प्रक्रिया भी कहते है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वाशिंग सोडा एक पारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जाता हैं। क्षारीय प्रकृति का यह रसायन कई अलग अलग पदार्थों से मिलकर बनता है। साबुन का निर्माण भी इसी कास्टिक सोडे की मदद से होता है। बस उसमें अलग अलग फ्लेवर मिलाकर साबुन में रंग और खुशबू डाल दिए जाते हैं।

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साथ ही डिटर्जेंट में भी यह मिलाया जात है। आपको बता दे कि सोडियम कार्बोनेट की मदद से खारे पानी की स्थायी कठोरता को भी हटाया जाता है। इसके अलावा यह कांच, साबुन और कागज के निर्माण में भी इस्तेमाल किया जाता है। सो हम कह सकते हैं कि वाशिंग सोडा बड़े ही काम की चीज है।