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इन कौवों की चालाकी के आगे इंसान कुछ भी नहीं

 

जयपुर। कौवे का नाम सबसे चालाक पक्षियों में गिना जाता है। जी हां, वही काला कौवा जो झूठ बोलने पर काटता है तो एक ही आंख से दोनों तरफ झांकता भी हैं। तभी तो कहा जाता है कि स्टूडेंट को काक चेष्टा रखनी चाहिए। मतलब कौवे का ध्यान हर समय अपने आसपास की चीजों पर फोकस रहता है। कौवे को आसानी से बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। बचपन में आपने थर्स्टी क्रो वाली कहानी तो जरूर सुनी होगी। मगर अब ऐसे कौवे सच में देखे गए हैं जो चतुराई के मामले में इंसान से भी एक कदम आगे निकल चुके हैं।

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जी हां, वैसे तो घड़े में कंकड़ डालकर बरसों से कौवे अपनी प्यास बुझाते रहे हैं। मगर इस बार तो कौवों ने इंसानी व्यवहार से कुछ दिमागदार चीजें कॉपी करके वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया हैं। मामला स्कॉटलैंड का है, जहां पर ऐसे स्मार्ट कौवे देखे गए हैं, जिन्होंने वैज्ञानिकों को सोचने पर मजबूर कर दिया हैं। क्योंकि ये कौवे इंसान की तरह अपनी मदद के लिए औजार बना लेते हैं। जी हां, मिसाल के तौर पर मछली पकड़ने का हुक बनाकर ये कौवे अपने शिकार का पूरा मजा उठाते हैं।

इतना ही नही, एक कौवा तो शोधकर्ता के सिखाए तरीके से कागज के छोटे-छोटे टुकड़े करना भी सीख चुका है। दरअसल ये चालाक कौवे अपने खाने पीने का जुगाड़ खुद ही कर लेते हैं। अगर भोजन तलाशने में इन्हें जरा भी कठिनाई आती है तो ये तुरंत अपनी मदद के लिए एक सहायक औजार का निर्माण भी कर डालते हैं। साथ ही ये कौवे मानवीय व्यवहार का भी अनुसरण कर सकते हैं।

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वैज्ञानिक बताते हैं कि इन कौवों का दिमाग सामान्य कौवों की तुलना में ज्यादा विकसित हैं। यही कारण है कि ये कौवे तुरंत वो सब सीख लेते हैं जो आम कौवे कभी सीख नहीं पाते हैं। शोधकर्ताओँ ने पाया कि ये कौवे इंसान की तरह मुश्किल पेश आने पर अपना कॉमन सेंस यूज करते हैं। अब तक यह चीज गोरिल्ला और चिंपैंजी में ही देखी गई थी। वैज्ञानिक इन कौवों पर गहन रिसर्च कर रहे हैं।