दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तान में कभी बहुत हरियाली होती थी
सहारा रेगिस्तान को दुनिया का सबसे बड़ा गर्म मरुस्थल माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि आज से लगभग 5,000 से 11,000 साल पहले यह पूरा रेगिस्तान सरसब्ज़ रहता था। यहां पर खूब अच्छी बारिश होती थी। आज के मुकाबले सहारा रेगिस्तान में 10 गुना ज्यादा बारिश होती थी। यह बात हाल ही में किए गए एक नए अध्ययन में सामने आई है। सहारा रेगिस्तान में उस दौर में शिकारी रहते थे। ज्यादातर शिकारी जीवनयापन के लिए उस क्षेत्र में पाए जाने वाले जानवरों का शिकार करते थे। साथ ही यहां उगने वाले पेड़-पौधों के द्वारा अपना जीवनयापन करते थे।
इस अनुसंधान में पिछले 6,000 सालों के दौरान सहारा में होने वाली बारिश के अनुमान और समुद्र की तलहटी का अध्ययन किया गया है। यह अनुसंधान यूनिवर्सिटी ऑफ अरिजोना ने किया है। सहारा के वातावरण में उस समय आज की तुलना में 10 गुना ज्यादा नमी पाई जाती थी। हालांकि अब सहारा में एक साल में 4 इंच से 6 इंच तक बारिश होती है। शोधकर्ताओं ने इसे ग्रीन सहारा काल नाम दिया हैं। यह पहला ऐसा शोध है जिसमें सहारा के पिछले 25,000 सालों के दौरान होने वाली वर्षा का रिकॉर्ड खोजा गया है।
पुरातात्विक साक्ष्यों के अनुसार सहारा के उस हरे-भरे काल में मनुष्य वहां निवास करते थे। फिर 1,000 से 8,000 साल पहले मानव वहां से पलायन करने लग गए। जब सहारा गर्म और सूखा होने लगा, तब यहां रहने वाले लोग पूरी तरह से पलायन कर गए। शोध दल का मानन है कि लगभग 8,000 साल पहले सहारा में 1,000 साल लंबा ऐसा काल आया, जब यह और ज्यादा शुष्क होने लगा था। मज़ेदार बात यह है कि इस 1,000 साल लंबे शुष्क काल के खत्म होने पर जो लोग यहां लौटकर आए, वे बिल्कुल अलग प्रजाति के थे।
पहले जहां लोग शिकार किया करते थे, वहीं अब आने वाले लोग पशुपालन करते थे। हजार साल के शुष्क काल में 2 अलग-अलग संस्कृतियां सहारा में रहने लगी थी। हैं। शोध दल लोगों के पेशे और जीवनशैली में आए इस बदलाव का कारण जलवायु संबंधी बदलावों से जोड़ता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा जलवायु सहारा रेगिस्तान की प्राचीन जलवायु के साथ काफी मिलती जुलती है। शोधकर्ताओं ने सहारा में मौजूद सूखी झीलें की तलहटी में जमे हुए अवशेषों को जमा करके उन पर काफी गहन अध्ययन किया है। यह शोध साइंस अडवांसेज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।