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न्यूट्रिनो का रहस्य से ज्ञात होगा डार्क मैटर का राज

 

जयपुर। डार्क मैटर यह एक ब्रह्मांड का अदृश्य अंधेरा है जो वैज्ञानीकों को समझ में नहीं आया लेकीन काफी रिर्सच के बाद इसका कुछ पता चला है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूरज से हर सेकेंड करीब 65 अरब न्यूट्रिनो निकलते हैं और प्रकाश की गति से धरती में प्रवेश करते हैं। लेकिन इन्हें देखा नहीं जा सकता।

न्यूट्रिनो ब्रह्मांड के ऐसे अति सूक्ष्म कण है जो हर सेकंड अरबों की तादाद में धरती में प्रवेश करते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि न्यूट्रिनो बिग बैंग के समय से ही है। लेकीन अब यह लगातार सूरज में हो रहे नाभिकीय विघटन से बन रहे हैं। सूर्य से प्रति सेंकेंड धरती पर प्रकाश की गति यानी 299,792,458 मीटर प्रति सेंकेंड के बराबर होती हैं,

लेकिन बावजूद इसके इन्हें न तो नंगी आंखों से देखा जाता है और न ही महसूस किया जा सकता है लेकिन जैसे ही यह न्यूट्रिनो किसी कमजोर बंधन वाले अणु या परमाणु से टकराते हैं, तो उन्हें तोड़ कर रख देते है और इनका व्यवहार भी बदल जाता है।

न्यूट्रिनो सामान्यतया किसी चीज के टकराने के बाद बिना छाप छोड़े आगे बढ़ जाता है लेकिन बर्फ के अणुओं से टकराने पर यह अपना असर दिखाता है। यही वजह है कि बर्फ से भरे सेंसर न्यूट्रिनो के टकराते ही नीले रंग से जगमगाएंगे।