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15,000 साल पहले भारत कैसा हुआ करता था? यह नगर करेगा रहस्य उजागर

 

जयपुर। प्राचीन भारत के रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए आम तौर पर सिंधु घाटी सभ्यता की बात की जाती है। मगर हम आपको बता दे कि हड़प्पा और मोहनजोदड़ों के अलावा भी एक ऐसी सभ्यता थी जिसके बारे में कई लोग नही जानते हैं। शोधकर्ता बताते हैं कि धरती पर गोंडवाना लैंड के टूटने से भारत, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका का निर्माण हुआ था। तो उस काल में भारत किस तरह नजर आता था, इस सवाल का हल खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने कई साल पहले समंदर के अंदर एक प्राचीन नगर की खोज की थी। यह नगर कुमारी कंदम के नाम से जाना जाता था।

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जी हां, आज से 15,000 साल पहले के भारत की तस्वीर पेश करने वाला यह नगर पूरी तरह से समुद्र की गहराई में डूबा हुआ है। इस प्राचीन नगर कुमारी कंदम की खोज के बाद से ही शोधकर्ता लगातार इसके बारे में तथ्य जांचने में लगे हुए हैं। दरअसल 19वीं सदी में अमेरिकी और यूरोपीय शोधकर्ताओं की टीम ने अफ्रीका, भारत और मेडागास्कर के बीच भौगोलिक समानताओं का पता लगाने के लिए समंदर के अंदर जलमग्न हो चुके इस प्राचीन नगर का पता लगाया था। बाद में इसे लेमुरिया नाम दिया गया था।

अब तक भी इस द्वीप पर शोध चल ही रहा है। हालांकि खोजकर्ताओं का दावा है कि इस द्वीप की सभ्यता से प्राचीन भारत की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सकती हैं। कहा जा रहा है कि धरती पर पहला मनुष्य इसी द्वीप पर उतरा था। कालांतर में यह महाद्वीप किसी विशाल भूगर्भीय हलचल के कारण पूरी तरह से समंदर के अंदर समा गया था। हालांकि कायनात ने अपने अस्तित्व को कायम रखने के लिए ना जाने कितनी बार जल प्रलय की लीला रची है।

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इसी वजह से कई बार कुछ प्रजातियां विलुप्त हो जाती है तो कुछ जन्म ले पाती हैं। महाप्रलय कहो या फिर कयामत कहो, संसार के सभी धर्मों में इस घटना का जिक्र किया गया है। फिलहाल तो वैज्ञानिक सबूत भी यही दर्शाते है कि यह प्राचीन नगर किसी विनाशकारी हलचल की भेंट चढ़कर सागर में समा गया। इतना ही नहीं, कुमारी कंदम नामक इस महाद्वीप का उल्लेख तो प्राचीन तमिल साहित्य में भी किया गया है। कई तमिल साहित्यकारों ने इस बात की पुष्टि की हैं।