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नाक की बनावट से ज्ञात किया जाता सकता है पूर्वजों के बारे में

 

जयपुर। इस बात को हमको पता है कि हमारे पूर्वज बंदर थे इनके बाद ही हम क सभ्य इंसान बने है। हमारे डीएनए में इसका ही अंश है। इसी तरह से हमारे शरीर के एक पार्टस से पूर्वजों का पता लगाया जा सकता है। जैसा की हम जानते है कि नाक हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह सांस के साथ साथ चेहरे के आकार तथा सुंदरता को भी ये निर्धारित करता है। लेकिन शायद आपको इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि ये नाक इसके अवाला भी कई काम करती है।

कई लोग अपने नाक की बनावट को लेकर खुश नहीं होते है तो इसका आकार बदलवा लेते है। आपको बता दे कि अमेरिका में हर साल करीब 2 लाख लोग नाक की सर्जरी करवाते है। आयरलैंड, बेल्जियम और अमेरिका के शोधकर्ताओं की एक टीम ने हाल ही में इस पर एक अध्ययन किया है। इस अध्ययन में 3-डी फेशियल इमेजिंग तकनीक को अपनाते हुये 500 लोगों के नाक का अध्ययन किया जिसमें पाया गया कि नाक की बनावट जलवायु और भौगोलिक स्थिति के अनुसार बदल जाती है।

पहेल के शोध में बताया गया है कि नाक की बनावट तथा जलवायु में संबंध बताया गया है। आपको बता दे कि इस अध्ययन में नाक की लंबाई, चौड़ाई, तथा अन्य तथ्यों पर जांच की गई। जानकारी दे दे कि इन परिणामों को एक पुरानी थ्योरी से जोड़ा गया है, जिसे थॉम्पसन नियम कहते है। बता दे कि यह नियम वर्ष 1800 में एनाटोमिस्ट आर्थर थॉम्पसन द्वारा दिया गया था। बता दे कि इस शोध से यह पता लगाया जा सकेगा कि आपकी नाक के अनुसार आपके पुरखे कहाँ के निवासी थे।