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वयेजार का सबसे लंबा सफर ब्रह्मांड में मानवता को अमर बना देगा

 

जयपुर। वायेजर एक ऐसा यान बन गया है जो पहला मानव निर्मित यान सौर मंडल से 20 अरब दूर जा चुका है। इसका धरती पर संदेश आने में 38 घंटे लगते है। इस अभियान से जुड़े एक व्यक्ति थे वैज्ञानिक कार्ल सगन। सगन ने वायेजर यानों से ग्रामोफ़ोन जोड़ने के प्रोजेक्ट पर काम किया था। आपको बता दे कि वायेजर यानों में ग्रामोफ़ोन लगाने का उद्देश्य एक आशा थी। इसको आशा ये थी कि धरती के अलावा भी ब्रह्मांड में कहीं जीवन है।

इनका मानना था कि यात्रा करते-करते जब किसी और सभ्यता को हमारा वायेजर मिले, तो उसे मानवी सभ्यता की एक झलक इन ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड के ज़रिए मिले। इसका मतलब यह है कि वायेजर सिर्फ़ एक अंतरिक्ष अभियान नहीं, बल्कि सुदूर ब्रह्मांड को भेजा गया मानवता का संदेश हैं। ये ग्रामोफ़ोन तांबे के डिस्क से बनाया गया हैं, जो क़रीब एक अरब साल तक सही सलामत रह सकता है। इस अभियान के दौरान अगर वायेजर किसी ऐसी सभ्यता के हाथ लग गया जो ब्रह्मांड में कहीं रहती है तो इन ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड के ज़रिए उन्हें मानवता के होने का और उसकी प्रगति का संदेश मिलेगा।

वायेजर अभियान से जुड़े इकलौते ब्रिटिश वैज्ञानिक गैरी हंट बताते हैं कि वायेजर यानों से आने वाली हर तस्वीर जानकारी की नई परत खोलती है और यह ब्रह्मांड को जानने और रखने के लिए काफी हो सकती है। वायेजर ने बृहस्पति के एक चंद्रमा पर भी ज्वालामुखी और बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर भी सागर ढुंढ निकाला जिससे धरती के लोगों को में कई भ्रंतिया दूर हो गई और दुसरे ग्रहग पर जीवन की खोज को जन्म दिया। वैज्ञानिक सूज़ी डॉड कहते हैं कि अगले दस वर्षो में न वजायर पूरी तरह से बंद करना होगा लेकिन वायेजर अभियान ने मानवता को अमर कर दिया है।