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बुधग्रह जितना बड़ा आकार रखता है ये उपग्रह

 

जयपुर। हमारे सौरमंडल में लगभग लगभग सभी ग्रहों के उपग्रह है। गनीमीड भी एक उपग्रह है यह बृहस्पति का सांतवां ज्ञात तथा सबसे बड़ा उपग्रह है। सौरमंडल में यह गैलीलीयन चन्द्रमाओ मे तीसरा है। इसका कक्षा 1,070,000 किमी व्यास 5262 किमी और द्रव्यमान  1.48e23 किग्रा है। कई पूरानी मान्यताओं के अनुसार माना जाया है कि गनीमीड एक अत्यंत सुंदरी का बेटा था। इसके अनुसार माना जाता है कि इसको जियस देवताओ के कप को रखने के लिये ले गया था।

जानकारी के लिए बता दे कि गनीमीड की खोज गैलीलीयो ने 1610 मे की थी। गनीमीड सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह माना गया है।  आपको जानकर हैरानी होगी की यह आकार मे बुध ग्रह से भी बड़ा है लेकिन द्रव्यमान मे बुध से आधा आंका गया है। गनीमीड प्लूटो से काफी बड़ा ग्रह है। गैलीलीयो यान से पहले लोगों में यही अवधारणा थी कि गनीमीड और कैलीस्टो की संरचना चट्टानी केन्द्रक के चारो ओर जल या जलबर्फ का मैण्टल और बाह्य सतह पर बर्फ की होगी। गैलीलीयो यान ने जब इसका जानकारी धरती पर भेजी तो लोगों के कई भ्रम टुट गये थे

गनीमीड मे तीन परत है पाई गई जिसमें एक पहली पिघले लोहे या लोहे की दूसरी  केन्द्रक के आसपास सीलीकेट का मैण्टल और तीसरी सतह पर बर्फ। वैज्ञानिक बताते है दे कि गनीमीड की रचना भूप्लेटो मे पृथ्वी जैसी ही है। निरिक्षण के द्वारा पता चला है कि गनीमीड मे आक्सीजन का पतला वातावरण है जो कि युरोपा के जैसा है। इस पर आक्सीजन की उपस्थिती जीवन की उपस्थिती का संकेत नही है।