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छत्तीसगढ़ में पाई गई दुर्लभ प्रजाति की चमकने वाली रंगीन छिपकली

 

जयपुर। पिछले कुछ सालों से छत्‍तीसगढ़ के जंगलों में कई नई प्रजाति के वन्य जीव देखे जा चुके हैं। अभी हाल ही में वन विभाग ने रंगीन चमकने वाली छिपकली की एक दुर्लभ प्रजाति तथा हरे रंग के गिरगिट की प्रजाति का पता लगाया है। बता दे कि जशपुरनगर में इस तरह ही हरी छिपकलियां देखी गई है। हालांकि इन्हें संरक्षित करने वाली पुलिस टीम की माने तो यह किसी तस्कर के चुंगल से छूटी हुई प्रजाति है।

आम तौर पर इस तरह की प्रजातियां इन जंगलों में नहीं पाई जाती है। हम आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ के दुलदुला विकासखंड के पतराटोली क्षेत्र में यह अनोखा जीव पाया गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही स्वयंसेवी संस्था ग्रीन नेचर वेलफेयर के कार्यकर्ताओं ने इस दुर्लभ प्रजाति को संरक्षित करके दुबारा जंगल में छोड़ दिया है।

स्थानीय लोग इस हरे रंग के जीव को चमत्कारी जीव मानते हैं। साथ ही इसकी त्वचा से कई तरह की दवाइयां भी बनाई जाती है। तभी तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों की कीमत में इसे तस्करी के जरिए बेचा जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस जीव को पकड़ने पर यह तुरंत ही मर जाता है, क्योंकि यह जीव ज्यादा तनाव सहन नहीं कर पाता है। जीव विशेषज्ञों का कहना है कि हरी छिपकली और गिरगिट एक साथ अपनी दोनों आंखों से अलग अलग दिशाओं में देखने और दुश्मन से बचने के लिए अपना रंग बदल सकते हैं।