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तो इसलिए मर्द के मुकाबले एक औरत ज्यादा ज़िंदगी जीती है

 

जयपुर। कहा जाता है कि औरतों में मर्दों के मुकाबले सौ गुना तक ज्यादा सहनशीलता होती है। वो तो वक्त और हालातों के चलते औरत को पुरुष प्रधान समाज में उतनी तवज्जो कभी दी ही नहीं जाती है जितनी कि वो हकदार होती है। मगर समाज से परे विज्ञान यही कहता है कि एक नारी हमेशा से ही सब पर भारी पड़ती है। यह बात हम नही बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान से साबित होती है।

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भले ही शारीरिक क्षमता को लेकर कई क्षेत्रों में अब भी महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता रहा हो मगर विज्ञान की माने तो मानसिक दृढ़ता तथा संवेदनशीलता के मामले में स्त्री की क्षमता पुरुष से कई गुना अधिक होती है। हाल ही में एक अध्ययन से यह पता चला है कि महिलाएं अपने समकक्ष मर्दों की तुलना में ज्यादा दिनों तक जीवित रहती हैं।

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जी हां, इन नतीजों को देखकर पुरुष प्रधान समाज के दकियानूसी ठेकेदार भले ही चौंक जाए मगर इस तथ्य को फिर से एक वैज्ञानिक सपोर्ट मिल गया है। इससे उस धारणा को मुंह तोड़ जवाब मिलता है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं कमजोर होती हैं। इस अध्ययन के नतीजो ने ना केवल संपूर्ण पुरुष प्रधान समाज के मुंह पर एक करारा चांटा रसीद किया है, बल्कि यह सोचने पर मज़बूर कर दिया है कि अब वक्त आ चुका है जब तन के साथ साथ मन की भी सफाई की जाए।

शोध के परिणाम दिखाते हैं कि महिलाएं ना केवल पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा जीती है, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी वे मर्दों से एक कदम आगे होकर उनका डटकर मुकाबला करती हैं। फिर बात चाहे महामारी, अकाल, बाढ़, या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की हो या फिर घरेलू हिंसा की हो। हर जगह मर्दो की ज्याददजती की शिकार औरतें की असली कमजोरी दरअसल उनकी आपसी फूट हैं। अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी ने यह अनोखा शोध किया है। अध्ययन के नतीजे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के जर्नल प्रोसीडिंग में प्रकाशित हुए हैं।