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सौर ऊर्जा चालित विमान ने वैश्विक भ्रमण की यात्रा की समाप्त

 

जयपुर। वैज्ञानिकों ने की अपनी बुद्धिमता से कई काम किय है। और कई कारनामें भी किया है। भंवरो से सीख लेकर प्रकृति से नकल कर एक यान बनाया है ऐसे ही प्रकति की कई चीज़ों से नकल करके इंसान ने कई चीज़े बनाई है। हाल ही में विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा चालित विमान सोलर इंपल्स 2 ने अपने वैश्विक यात्रा के अंतिम चरण के लिए मिस्र की राजधानी काहिरा से उड़ान भरी है।

वैज्ञानिकों ने बाताया कि इस विमान को अबू धाबी पहुंचने में 48 घंटों का समय लगेगा। आपको जानकारी के लिए बता दे कि इस विमान ने अबू धाबी से ही मार्च 2015 में अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की थी।  और विमान के पायलट बरट्रांड पिकार्ड ने उड़ान भरने से पहले बताया था कि हमने सोचा था कि यह एक आसान उड़ान होगी और यात्रा भी सफलापूर्वक होगी।  क्योंकि मिस्र और अबू धाबी के बीच मौसम अच्छा होता है, लेकिन हकीकत ये थी कि अच्छी रणनीति खोजने के लिए बहुत मुश्किल है।

इस सौर ऊर्जा चालित विमान ने अपनी यात्रा के दौरान करीब 30,000 किलोमीटर का क्षेत्र कवर किया है, जानकारी के लिए बता दे कि यह पहला विमान है, जो बिना ईंधन के केवल सूर्य से मिली ऊर्जा के सहारे ही वैश्विक भ्रमण पर निकला है। और अब ये अपनी यात्रा पूरी करके समाप्त कर चूका है। यह पहला ऐतिहासिक यान है जो सोलर ऊर्जा से चलता है।