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तो सुपर अल्ट्रा लाइट दूर करेंगी ऊर्जा समस्या को, जानिये

 

जयपुर। धरती पर प्रकाश स्त्रोत सूरज ही हैं, जो निरंतर रोशनी उत्सर्जित करता हैं और धरती को ऊर्जा देता रहता हैं। वैसे तो कृत्रिम प्रकाश स्त्रोत भी बड़े कमाल के होते हैं जो अंधेरे को भगाने में अहम भूमिका निभाते हैं इसके कई स्त्रोत है। नेब्रास्का-लिंकन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही कई शोध करके प्रकाश का एक बहुत बड़ा स्त्रोत बनाया है, जो कि लगातार सूर्य की तरह रोशनी देने में सक्षम है और इस बारे में आपको बता दे कि इस नये प्रकाश स्त्रोत को फोटोन 101 नाम दिया गया है।

आपको जानकारी दे दे कि जब भी सूर्य या किसी और प्रकाश स्त्रोत से रोशनी निकलती है तो यह सबसे पहले एक सतह पर टकराती है, जिससे फोटोन बिखर जाते हैं और ये ही बिखरे हुये फोटोन ही हमें रोशनी के रूप में नज़र आते हैं। आपको हैरानी होगी कि 4.5 बिलियन सालों से सूर्य लगातार फोटोन उत्सर्जित करता आ रहा है और इसको हम उपयोग करते आ रहे हैं। लेकिन तकनीकी के जमाने में इसी से प्रेरित होकर शोधकर्ताओं ने एक पावरफुल लेजर का निर्माण किया है,

जिसे डायोकल्स कहा गया है। जिसमें हीलियम गैस के अंदर इलेक्ट्रॉंस आपस में टकराते हैं, जिससे प्रकाश ऊर्जा निकलती रहती है। जानकारी दे दे कि फोटोन को एक ही जगह जमा करके बड़ा प्रकाश स्त्रोत बनाया जा सकता है, जो कि हमको निरंतर प्रकाश देता रहेगा। वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को मेगा सुपर अल्ट्रा लाइट नाम दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि फोटोंस का यह प्रभाव सचमुच बहुत कारगर साबित हुआ है और इसी के साथ प्रकाश की दिशा को नियंत्रित भी किया जा सकता है।