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तो इस तरह से पेशाब करके अपनी बात कर को जाहीर करती है ये मछलियां

 

जयपुर। ईश्वर ने सबको जबान दि है जिसकी मदद से जीव आपस में अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सके। इंसानों जानवरों को दोनो के पास एक-दूसरे से बात करने के लिए जबान दि है लेकिन कभी कभी इंसान और जानवर जुबान का उपयोग करके बात नहीं करते है बल्कि संकेतो के द्वारा भी बात करते है। जैसे कि कई जानवर ध्वनियां निकालकर साथी जानवरों को संकेत देते हैं, लेकिन प्रकृति में ऐसे जानवर भी हैं जो जुबान होते हुये भी किसी तरह की आवाज नहीं निकाल सकते। लेकिन फिर भी वो आपस में बात करते है ये जानवर कई तरीकों से एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाते हैं और संकेत देते हैं

जिससे सामने वाला उसको रिसीव करता है और रिएक्ट भी करता है। ऐसे ही एक जीव की खोज वैज्ञानिकों द्वारा की  गई है। खोज से पता चला है कि मछलियों की एक प्रजाति ऐसी भी है जो कि पेशाब द्वारा साथी मछलियों को संकेत देती है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कौन ऐसे बात कर सकता है और इसको समझना कितनी मुश्किल होता होगा। आपको बता दे कि सिच्लिड मछली की एक प्रजाति है जो इस तरह से बात करती है। ये मछलीयां पेशाब में मौजूद रसायनों की मदद से अपने प्रतिद्वंदियों को सिग्नल देती है। यह शोध साइंस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। 

शोधकर्ताओं इसका अच्छे परीक्षण करने के लिए मछली को बैंगनी रंग के डाई का इंजेक्शन दिया। इस इंजेक्शन के कारण मछली का पेशाब चमकीले और गाढ़े नीले रंग में बदल गया। जब मछलियों ने एक-दूसरे को देखा, तो उन्होंने अपने पंख फैलाए और डिवाइडर की ओर तेजी से तैरने लगीं। और अपना संकेत फैलाने के लिए उन्होंने ज्यादा पेशाब किया। इससे ज्ञात होता है कि ये मछलीयां पेशाब करके अपने साथी को सावधान करती है।