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तो इस तरह लेजर लाइट बचायेगी बम धमाको से

 

जयपुर। नई नई तकनीक तो वैज्ञानीकों ने बना तो दी लेकीन अब वही सहूलित की चीज़े इंसानों पर  भारी पड़ रही है। कई ऐसे वेपनस जिनकी मदद से आंतकवाद बढ़ता ही जा रही है। अब वैज्ञनीक  इसका एक तोड़ निकलने में जुटे हुए है जिसे आंतकी हमलो से बचा जा सकता है। रसायनिक खाद जैसी चीजें उपलब्ध हैं,

उनकी मदद से आतंकवादी कहीं भी आसानी से बम बना सकते हैं। आम तौर पर अवैध बम बनाने वाली जगह का समय से पता नहीं चल पाता है। एक इंस्टीट्यूट के रिसर्चरों ने एक लेजर तकनीक विकसित की है इससे बम बनाने वालों का सुराग मिलता है। यह तकनीक बारीक से बारीक सुराग को दूर से ही पहचान लेता है।

इस तकनीक की जान माइक्रोस्कोपिक लेजर चिप है, जिसे इंस्टीट्यूट के खास कमरे में बनाया जाता है। तीन मिलीमीटर लंबी और पंद्रह माइक्रोमीटर चौड़ी, छोटे से बाल के बराबर। एक लेंस और दर्पण से होकर उसकी अदृश्य पराबैंगनी किरणें संदिग्ध सामान की पड़ताल करती है।

लेजर लाइट विस्फोटकों समेत जैविक तत्वों की समीक्षा काफी अच्छे ढंग से करती है। यह विस्फोटक को बेहद खास अंदाज में रोशनी को परावर्तित करते हैं। जिससे विस्फोटक का पता चल जाता है।