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तो इस तरह देते ये जीव युद्ध में सैना का साथ

 

जयपुर। आप युद्ध में कई बाहादुर सिपाई देखे होंगे। लेकीन कभी आपने युद्ध में बहादुर जानवर देखे है।

ऐसा ही है कुछ ये जीव है जो सैना की मदद करते है। जल थल वायू सैना में इन जानवरों की खास भागेदारी होती है। ये खास तरीके से सैना की मदद करते है। ये जीव इस प्रकार है-

डॉल्फिन

सिटेशियन प्रजाति के डॉल्फिनों का उपयोग दुनिया भर में नौसेनाएं समुद्र तट की निगरानी के लिए आई हैं। उनके सोनार शक्ति यानी ध्वनि तरंगें पैदा करने और उससे जुड़े स्विच कंपनियां किसी चीज का पता लगाने की क्षमता का उपयोग पानी के नीचे उपस्थित बारूदी सुरंगों का पता लगाने के लिए होता है, एकीकरण आवंटन कहते हैं।

मधुमक्खी

डंक मारने वाली मधुमक्खियां दुश्मनों के विरुद्ध बहुत प्रभावी हथियार का काम करता है। प्राचीन काल में ग्रीक और रोमन योद्धा भी इनका उपयोग करते थे। आधुनिक युद्धक हथियारों में इनकी काफी शांतिपूर्ण भूमिका है, जिनमें वे बारूदी सुरंगों का पता लगाती हैं

सी लायन

कैलिफोर्नियन सी लायन अमेरिकी नौसेना के साथ कार्यक्रम का हिस्सा हैं जिसमें डॉल्फिनों को रखा गया है। ये समुद्री स्तनधारी पानी के नीचे काम करने वाले जासूसी के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है। ये माइन स्वीपर और स्काउट का काम भी कर रहे हैं।

चमगादड़

अमेरिकी नेवी में निशाचर प्राणियों को विशेष कार्यक्रम बना दिया गया था, से एक था बम बरसाने के लिए प्रशिक्षित चमगादड़ का कार्यक्रम। लेकिन ट्रेनिंग में चमगादड़ ने साथ नहीं दिया और विश्व युद्ध के समय अमेरिका की जापान पर चमगादड़ से बम गिरवाना की योजना नहीं चल सकी।