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तो क्या बीयर का इस्तेमाल अब पेट्रोल में किया जा सकता है?

 

जयपुर। भविष्य में आज की तकनीक बहुत ही बदल जायेगी इनका रूप इतना बदल जायेगा कि उस पर यकिन करना असंभव सा होगा। इस बात को सारी दुनिया सच मानती है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में गैसोलीन में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाकर बेचा जाता है। बता दे कि यह एक प्रकार का फोसिल फ्यूल है जो कि इसमें कम ऊर्जा घनत्व होता है। लेकिन जानकारी दे दे कि दहन के दौरान यह ईंधन को नुकसान पहुँचाता है। शोधकर्ताओं का कहना  है कि ये मिश्रण आने वाले समय में ईंधन के नई विकल्प के रूप में विकसित किया जायेगा।

वैसे तो बीयर में भी इथेनॉल ही पाया जाता है तो माना जा रहा है कि भविष्य के ईंधन के रूप में इसे देखा जा रहा है। इसी दिशा में ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के रसायनज्ञों ने बीयर से एक विशेष प्रकार का पेट्रोल बनाया है जो कि सफल शोध था। बता दे कि इसके परिणाम काफी सकारात्मक पाये गये हैं। वैसे तो पीने वालों को बीयर का ईंधन के रूप में प्रयोग बुरा लग सकता है लेकिन ये कितना कामगार हो सकता है इसका अंदाजा भी नही लगाया जा सकता है। बता दे कि ईंधन को तैयार करने का तरीका बीयर बनाने जैसा ही है। शोधकर्ताओें ने बताया कि मदिरा में पाया जाने वाला ईथेनॉल पेट्रोल के विकल्प के रूप में काम में नहीं लाया जा सकता है,

लेकिन अगर रासायनिक प्रक्रिया द्वारा ब्यूटेनॉल में बदल दिया जाए तो ये एक फ्यूल के रूप में आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है। सभी तरह की वाइन से  ब्यूटेनॉल में बदलकर फैक्ट्रीज में इस्तेमाल होने वाला फ्यूल बनाया जा सकता है। इसी तरह से बीयर में पाए जाने वाले ईथेनॉल से ऐसा कैमिकल तैयार किया जाएगा जो बीयर के मॉलीक्यूलर सैंपल से मिलता-जुलता होगा और इसको फैक्ट्रियों में मशीनें चलाने के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वैज्ञानिक कहते है कि अगर ये सफल हो जाता है तो आसानी से मिलने वाली बीयर, पेट्रोल का एक बढ़िया विकल्प बन सकती है।