×

वैज्ञानिकों ने स्मारकों के क्षरण को रोकने के लिए तैयार किया एक स्प्रे

 

जयपुर। भारत के स्मारक दुनिया भर में उनकी खुबसूरती के लिए जाने जाते हैं लेकिन बढ़ती उम्र के साथ ही उनकी खूबसूरती भी गुम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण इनका क्षरण होना है। लेकिन हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने इनकी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए एक ऐसा स्प्रे तैयार किया है जो इनकी खुबसूरती के साथ ही इनकी सुरक्षा भी करेगा।

शोधकर्ताओं ने इसके बारे में बताया है कि ये कैल्षियम कार्बोनेट युक्त जीवों का एक स्प्रे है, जो कैल्साइट परत का निर्माण कर स्मारकों के बाहरी हिस्सों को संरक्षित करने में मदद करेगा। इसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने सोलहवीं शताब्दी में बने एक मुगल स्मारक (सलाबर खान का मकबरा) का गहन परीक्षण करते हुए इसके क्षरण के कारणों का पता लगाया है।

इसके लिए उन्होंने मकबरे के प्रभावित हिस्सों में गहराई से खुदाई करके वहां से नमूने एकत्रित किये हैं। इन्हीं नमूनों के माध्यम से चूने के कठोर होने तथा कैल्सीफिकेषन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की पहचान की है।

सलाबत मकबरे की सतहों पर जिस बैक्टीरिया के कारण सफेद धब्बे पड़ जाते हैं उसी बैक्टीरिया के कारण चूने पत्थर तथा संगमरमर से निर्मित इमारतों को क्षरण से बचाने में मदद मिलेगी। यही नहीं इस स्प्रे का इस्तेमाल अमरावती और नागार्जुनकोंडा जैसी चूना पत्थर से निर्मित मूर्तियों को साफ करने के लिए भी किया जा सकता है।

वैज्ञानिक इस स्प्रे के उपयोग के लिए बताते है कि इस विधि में, सूक्ष्मजीवों को संगमरमर की सतह पर समान रूप से छिड़का जाता है फिर इसके बाद कैल्षियम और यूरिया युक्त पोषण दिया जाता है। तत्पश्चात बैक्टीरिया अल्प अम्लीय माध्य कके निर्माण द्वारा कार्बोनेट का अवक्षेपण करता है और धुलित कैल्शियम को कैल्श्यिम को कार्बोनेट की सुरक्षात्मक परत के रूप में परिवर्तित करता है।

हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक खास स्प्रे को तैयार किया है। ये ऐसा स्प्रे है जिसकी मदद से स्मारकों के क्षरण को रोका जायेगा। बताया जा रहा है कि ये कैल्षियम कार्बोनेट युक्त जीवों का एक स्प्रे है, जो कैल्साइट परत का निर्माण कर स्मारकों के बाहरी हिस्सों को संरक्षित करने में मदद करेगा। वैज्ञानिकों ने स्मारकों के क्षरण को रोकने के लिए तैयार किया एक स्प्रे