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वैज्ञानिकों ने खोजी दरियाई घोड़े की दुर्लभ प्रजाति, जानिये

 

जयपुर। आजकल प्रदूषण काफि हदे पार कर रहा है। इसको रोकने के लिए कई तरह के उपाये किये जा रहे है लेकिन फिर भी इस नियंत्रण नही किया जा रहा है। इस का सबसे बड़ा उदाहरण आपके सामने पेश करते है लेकिन उससे पहले आपको  बता दे कि थेम्स नदी में गोता लगाते हुये मछलियों के अलावा आपको बहुत सी चीज़ों से आपको दर्शन हो जायेंगे इसी के साथ आपको कुछ पुराने टायर, साईकिल, जूते, प्लास्टिक बैग्स, बोटल्स, या फिर कई तरह को कबाड़ आपको मिल जायेगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि थेम्स नदी में कुछ अन्य जीव जैसे हार्बर सील, डॉल्फिन, तथा दरियाई घोड़े की दुर्लभ प्रजातियां पाई गयी है।

इतना प्रदुषण होने के बाद भी इतनी सारी कुदरत की चीज़ें वैज्ञानिकों को मिली है जिस पर यकिन करना बहुत ही मुश्किल है। बता दे कि थेम्स नदी प्रदूषण के कारण 1950 में बायोलॉजिकली डेड घोषित कर दिया गया था। आपको जानकारी दे दे कि थेम्स नदी को टेम्स रीवर भी कहा जाता है और सरकार ने इसे साफ करने के लिये कई योजनाएं चलाई हैं लेकिन इनका कोई  खास फर्क नहीं पड़ा है। लेकिन कुछ हद तक अब ये धीरे-धीरे जलीय जंतुओं की स्थली बनती जा रही है।

वैज्ञानिकों ने इसके बारे मे बताया कि हिप्पोपोटामस का मिलना इस बात का संकेत है। बता दे कि थेम्स नदी में दरियाई घोड़े की दो दुर्लभ प्रजातियां खोजी गई थी एक तो शॉर्ट स्नाउटेड सी होर्स तथा स्पाइनी सी होर्स। तो वैज्ञानिकों ने बताया कि ये प्राणी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी सुरक्षा के हकदार है। जानकारी दे दे कि लंदन जूलॉजिकल सोसाइटी के शोधकर्ताओं के अनुसार दरियाई घोड़ों की ये दुर्लभ प्रजातियां आने वाले समय में थेम्स नदी को साफ करने के अभियान को बढ़ावा देगी।